Aakash Waghmare
21 Dec 2025
कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस के निलंबित विधायक हुमायूं कबीर द्वारा बाबरी मस्जिद की नींव रखने के मामले पर संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। डॉ. भागवत ने कहा कि एक झगड़ा चल रहा था, जो बाद में कोर्ट पहुंचा। अदालत ने लंबा समय लगाकर उस पर फैसला दिया तो वहां राम मंदिर बन गया। राम मंदिर बनते ही झगड़ा वहीं समाप्त हो गया, लेकिन अब फिर से बाबरी मस्जिद बनाकर उस झगड़े को दोबारा शुरू करने का ये राजनीतिक षडयंत्र है और ये सब वोट के लिए हो रहा है। इससे ना तो हिंदुओं का फायदा होगा और ना ही मुसलमानों का। मुझे लगता है कि ऐसा नहीं होना चाहिए।
संघ प्रमुख ने कहा कि सरकार को मंदिर या किसी भी धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं करना चाहिए, यही नियम है। उन्होंने बताया कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण सरदार वल्लभभाई पटेल के समय हुआ था, जब वे गृह मंत्री थे। राष्ट्रपति ने उद्घाटन जरूर किया था, लेकिन उसमें सरकारी धन का उपयोग नहीं हुआ था।
अयोध्या के राम मंदिर के बारे में संघ प्रमुख ने कहा कि उसका निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हुआ। अदालत ने सरकार को ट्रस्ट बनाने का निर्देश दिया था, जिसे सरकार ने पूरा किया। सरकार ने मंदिर निर्माण के लिए सरकारी पैसा नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि राम मंदिर के निर्माण जनता के सहयोग से हुआ है।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर संघ प्रमुख ने कहा कि वहां हिंदुओं को एकजुट होना होगा और दुनिया भर के हिंदुओं को उनकी मदद के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा अगर वहां हिंदू एकजुट हो जाएं तो हालात बदलने में देर नहीं लगेगी। भागवत ने भारत सरकार से अपील की कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए सक्रिय भूमिका निभाए। उन्होंने कहा, हिंदुओं का एकमात्र देश भारत है। भारत सरकार को इस पर ध्यान देना होगा। उन्हें कुछ करना होगा।