Naresh Bhagoria
21 Dec 2025
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने रविवार को ‘विकसित भारत -जी राम जी’ विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने यह जानकारी दी। विपक्ष के विरोध के बीच संसद ने वीबी-जी राम जी विधेयक, 2025 को पारित किया था। इसका उद्देश्य मौजूदा ग्रामीण रोजगार कानून ‘मनरेगा’को प्रतिस्थापित करना है और प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति वित्त वर्ष 125 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करना है। सरकार के अनुसार, इस नयी योजना का लक्ष्य ‘विकसित भारत-2047’ के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप ग्रामीण विकास ढांचा स्थापित करना है।
वीबी- जीरामजी बिल पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संसद में पेश किया था। मनरेगा का नाम बदलने को लेकर संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने इसका विरोध किया था। इसके बाद कांग्रेस ने देशभर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन किया है। ये प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहे।
कांग्रेस ने कहा है कि मनरेगा कानून को खत्म करने का जो काम संसद में हुआ है उसको लेकर कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी का यह कथन एकदम सटीक है कि मोदी सरकार ने मनरेगा के नाम पर संसद में बुलडोजर चलाया है। सोनिया गांधी ने एक बयान में मनरेगा को क्रांतिकारी योजना बताते हुए शनिवार को कहा था कि मोदी सरकार ने इस योजना को खत्म करने के लिए संसद में बुलडोजर चलाया है। कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने रविवार को यह एक बयान में कहा कि मनरेगा का मौलिक चरित्र बदला गया है, इस योजना का मूल ढांचा बदला गया है और ग्रामीण, वंचित और शोषित लोगों को जो रोजगार दिया जा रहा था उसे हटाया गया है।
उन्होंने मनरेगा के तीन सिद्धांत बताते हुए कहा कि पहला सिद्धान्त रोजगार देना, दूसरा रोजगार के माध्यम से स्थानीय समुदाय के लिए जिन आधारभूत संरचनाओं की जरूरत है उसे बढ़ाना तथा आजीविका दर सुनिश्चित करना और तीसरा ग्राम पंचायत द्वारा यह तय किया जाता था, लेकिन अब केंद्र सरकार तय करेगी कि किसे, कहां और कब रोजगार दिया जाना है। रमेश ने भाजपा पर सीधा हमला करते हुए कहा भाजपा को महात्मा गांधी के नाम से और कांग्रेस कार्यकाल में बने कानूनों से सख्त नफरत है। मुझे समझ नहीं आता कि इन लोगों ने इसमें जल्दबाजी क्यों की। जो नया कानून बनाया गया है, राज्यों से इसके बारे में बातचीत नहीं हुई है। राज्य सरकारों की जो वित्तीय स्थिति है इससे और बिगड़ जाएगी।