सफाई में फिसड्डी प्रदेश के एक शहर को साफ-सुथरा बनाएगा लगातार 7वीं बार स्वच्छता में नंबर वन आने वाला इंदौर
शैलेन्द्र वर्मा
इंदौर। देश में लगातार सातवीं बार स्वच्छता में नंबर वन आने के बाद अब इंदौर प्रदेश के ऐसे शहर पर फोकस करने जा रहा है, जो सफाई में फिसड्डी है। इंदौर नगर निगम ऐसे शहरों की सूची तैयार करने की कवायद में जुटा है। यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। ज्ञात हो कि केंद्र सरकार ने स्वच्छता सुपर लीग में शामिल शहरों को यह चुनौती दी है कि वे अपने शहर को स्वच्छ बनाने के साथ ही प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्वच्छता सर्वेक्षण की श्रेणी में लाएं। इसके पीछे केंद्र सरकार का उद्देश्य छोटे और पिछड़े शहरों को स्वच्छ बनाना एवं इसके प्रति काम करने के लिए जागरूक करना है।
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इन बिंदुओं के आधार पर चयन
-सफाई के प्रति जागरुकता की कमी।
-डोर टू डोर कचरा कलेक्शन की कमजोर व्यवस्था।
-वेस्ट सेग्रीगेशन ठीक नहीं होना।
-सड़कों पर सफाई नहीं होना।
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शहर की शुरू की गई तलाश
प्रदेश के ऐसे शहर की तलाश की जा रही है, जहां स्वच्छता में काम करने की जरूरत है। हम उस शहर को स्वच्छता सर्वे के मापदंड के अनुसार तैयार करेंगे। वेस्ट सेग्रीगेशन, डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन, वेस्ट रिसाइकल मापदंड इसमें शामिल होंगे।
पुष्यमित्र भार्गव, महापौर, इंदौर
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सबकी सहमति से करेंगे चुनाव
मप्र के ऐसे शहर जिनका स्वच्छता स्तर कमजोर है, उनके लिए सर्वे की प्रक्रिया शुरू की गई है। हम उनके स्वच्छता स्तर का अध्ययन कर रहे हैं। सबकी सहमति से इसका चयन किया जाएगा।
शिवम वर्मा, आयुक्त, नगर निगम इंदौर