Naresh Bhagoria
17 Dec 2025
अशोक गौतम
भोपाल। मध्यप्रदेश में दो शहरों की दूरी कम करने के लिए एक्सेस कंट्रोल सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की तर्ज पर इन दोनों सड़कों का निर्माण किया जाएगा। इनमें इंदौर-जावरा और इंदौर-उज्जैन शामिल हैं। दोनों सड़कों के निर्माण पर सरकार करीब 700 करोड़ रुपए खर्च करेगी। सड़कों का निर्माण करने वाली एजेंसी को 17 वर्ष तक इसके रखरखाव और लागत की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। सड़क निर्माण की लागत राशि में से 40 फीसदी राशि सरकार कंपनी को पांच साल में देगी, क्योंकि यह हाइब्रिड एन्यूटी मॉडल (एचएएम) पैटर्न पर बनाई जा रही हैं। इनमें चलने के लिए वाहन चालकों को टोल देना होगा।
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वाहन इस रोड में प्रवेश करेगा तो सीधे आखिरी में पहुंचेगा। अभी इंदौर से उज्जैन पहुंचने में एक घंटे लगते हैं, इस सड़क के बनने के ये सफर आधे घंटे में पूरा होगा। यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के रूप में भी काम करेगा। इससे इंदौर और उज्जैन का सीधा संपर्क दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस वे से हो जाएगा।
-इंदौर-उज्जैन ग्रीन फील्ड (एक्सेस कंट्रोल) का टेंडर जारी कर दिया गया है। निर्माण कार्य के लिए भू-अर्जन सहित कुल राशि 2935.15 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। सड़क निर्माण में 24 माह का समय लगेगा।
-उज्जैन-जावरा ग्रीन फील्ड (एक्सेस कंट्रोल) की टेक्निकल बिड पूरी हो गई है। अब फाइनेंशियल बिड होनी है। इसकी दूरी 85 किलोमीटर है। सड़क निर्माण और भू-अर्जन के लिए 5,017 करोड़ रुपए की प्रशासकीय स्वीकृति दी गई है। निर्माण के लिए 24 माह का समय दिया गया है।
-दिल्ली-मुंम्बई बड़ोदरा एक्सप्रेस वे में मप्र में झाबुआ जिले के थांदला, रतलाम जिले के जावरा और मंदसौर के गरोठ में इंटरचेंज की व्यवस्था दी गई है।
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एमपीआरडीसी प्रदेश में दो सड़कें ग्रीन फील्ड (एक्सेस कंट्रोल) के पैटर्न पर बना रहा है। दोनों सड़कों का निर्माण दो साल के अंदर पूरा किया जाएगा। सड़कों के निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
-भरत यादव, एमडी, एमपीआरडीसी