Manisha Dhanwani
20 Dec 2025
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में राजा रघुवंशी हत्याकांड की जांच के दौरान पुलिस का रवैया सवालों के घेरे में आ गया है। बुधवार को क्राइम ब्रांच ने पूरे दिन मीडिया को उलझाए रखा। पत्रकार केवल यही जानना चाहते थे कि सोनम द्वारा कराए गए इस हत्या कांड में किन आरोपियों से पूछताछ हो रही है, लेकिन पुलिस ने स्पष्ट जानकारी देने के बजाय घंटों शहर में घुमाकर गुमराह किया।
20 अगस्त की सुबह से ही क्राइम ब्रांच और शिलांग पुलिस की टीम ने मीडिया को चकमा देने का खेल शुरू कर दिया। पहले अधिकारियों को नाश्ते पर ले जाया गया, फिर किसी व्यक्ति से पूछताछ होती और उसके बाद फिर शहर में गाड़ियों का काफिला दौड़ाया जाता।
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शाम के समय जब पुलिस की गाड़ियां एमआर-10 की ओर बढ़ीं तो मीडिया के वाहनों को चकमा देने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी की रफ्तार तेज कर दी। इससे सड़कों पर हादसे की आशंका भी बनी रही। आखिरकार शाम 6 बजे काफिला वापस क्राइम ब्रांच पहुंच गया, लेकिन पुलिस अधिकारियों ने अब भी मीडिया को कोई ठोस जानकारी नहीं दी।
रात करीब 11 बजे तक पूछताछ का सिलसिला चलता रहा। भरत जाधव को थाने से छोड़ दिया गया, जबकि उसके एक अन्य साथी अभिषेक को पूछताछ के लिए बुलाया गया। दोनों पर शक है कि उन्होंने हत्या के समय राज के अन्य सहयोगियों से लगातार फोन पर संपर्क किया था। हालांकि पुलिस ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया।
पुलिस का यह रवैया कई सवाल खड़े करता है। आखिर मीडिया से सूचना क्यों छुपाई गई? बार-बार गाड़ी घुमाने और भ्रम फैलाने का मकसद क्या था? हत्याकांड से जुड़े अहम बिंदुओं पर चुप्पी साधकर पुलिस ने खुद अपनी जांच पर संदेह खड़ा कर दिया है।
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