Mithilesh Yadav
11 Oct 2025
Peoples Reporter
10 Oct 2025
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), पूसा में कृषि क्षेत्र के लिए दो प्रमुख योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने 35,440 करोड़ रुपये की 'प्रधानमंत्री धन‑धान्य कृषि योजना' और 'दलहन आत्मनिर्भरता मिशन' का शुभारंभ किया। इस मिशन का उद्देश्य भारत को दाल उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाना और आयात पर निर्भरता कम करना है। इसी दौरान, उन्होंने कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन और खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्रों में 5,450 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया। साथ ही, 815 करोड़ रुपये की परियोजनाओं की आधारशिला भी रखी।
पीएम 'धन‑धान्य कृषि योजना' केंद्र सरकार की एक अहम योजना है। इसका लक्ष्य धान एवं अन्य धान्य (चावल) उत्पादन को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य कृषि उत्पादकता बढ़ाना, फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करना और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। साथ ही, किसानों को बेहतर बीज, उन्नत तकनीक और बाजार तक सीधी पहुंच प्रदान कर उनकी आय को दोगुना करना है।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को अनुदान और तकनीकी सहायता दी जाएगी, ताकि वे खेती के लिए नए उपकरण और आधुनिक तकनीक का उपयोग कर सकें। इस योजना में कम उत्पादकता वाले 100 जिलों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जहां कृषि विकास के लिए लक्षित हस्तक्षेप किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री ने बताया कि, 'इस मिशन के तहत तूर, उड़द और मसूर दाल की पैदावार बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। दाल की उचित खरीद व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जिससे लगभग दो करोड़ दाल किसानों को सीधा लाभ मिल सके'। आगे पीएम ने कहा, कि 'आज से दलहन आत्मनिर्भरता मिशन शुरू हो रहा है। यह सिर्फ दाल उत्पादन बढ़ाने का मिशन नहीं है, बल्कि हमारी भावी पीढ़ियों को सशक्त बनाने का अभियान है।'
प्रधानमंत्री ने कहा कि,' घरेलू उत्पादन बढ़ाकर आयात निर्भरता कम करने के लिए दलहन मिशन आवश्यक है। उन्होंने किसानों से गेहूं और चावल के साथ दाल उत्पादन पर विशेष ध्यान देने तथा फसलों में विविधता लाने का आह्वान किया, ताकि देश में प्रोटीन सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि भारत जैसे कृषि प्रधान देश को अब गेहूं और चावल से आगे बढ़कर प्रोटीन आधारित फसलों की दिशा में सोचना होगा।'