Mithilesh Yadav
11 Oct 2025
Hemant Nagle
11 Oct 2025
vikrant gupta
10 Oct 2025
सोहागपुर। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व (एसटीआर) का बहुप्रतीक्षित मढ़ई कोर क्षेत्र शनिवार से पर्यटकों के लिए खोल दिया गया। सुबह 6 बजे पूजा-अर्चना के बाद पहली सफारी रवाना हुई। इस बार प्रबंधन ने परंपरा तोड़ते हुए अधिकारियों से फीता न कटवाकर मढ़ई के आसपास के ग्रामीण इलाकों की दो बेटियों को फीता काटने का सम्मान दिया। इन बेटियों को ‘सतपुड़ा साथी’ नाम दिया गया।
शुभारंभ के अवसर पर सबसे पहले 12 सतपुड़ा साथियों को जंगल भ्रमण पर भेजा गया, ताकि वे वन और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक हो सकें। इसके बाद आम पर्यटकों के वाहनों को कोर जोन में प्रवेश दिया गया।
एसडीओ अंकित जामोद ने हरी झंडी दिखाकर सफारी की शुरुआत कराई। सुबह की पहली सफारी में 17 जिप्सियां पर्यटकों को लेकर जंगल में उतरीं, जिनमें प्रति वाहन छह-छह सैलानी सवार थे। रेंजर राहुल उपाध्याय ने बताया कि सुबह के समय टाइगर तो नजर नहीं आया, लेकिन उसके ताजे पंजों के निशान जरूर दिखे।
साथ ही, सैलानियों ने सांभर, चीतल, हिरण और कई दुर्लभ पक्षियों का दीदार किया। जंगल की हरियाली और झीलों में फैले जलबिहार ने आगंतुकों का मन मोह लिया।
हर साल 1 अक्टूबर से खुलने वाली मढ़ई सफारी इस बार लगातार बारिश के कारण 10 दिन की देरी से शुरू हो सकी। बारिश के चलते जंगल के अंदरूनी कच्चे रास्ते खराब हो गए थे, जिन्हें मरम्मत के बाद ही खोला गया। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का मढ़ई क्षेत्र अपनी प्राकृतिक सुंदरता और वन्यजीव विविधता के लिए प्रसिद्ध है। यहां आने वाले सैलानियों को बाघ, तेंदुए, भालू, सांभर और नीलगाय जैसे प्राणियों को करीब से देखने का मौका मिलता है।
सुबह के बाद शाम की सफारी में वह रोमांचक क्षण आया जिसका पर्यटकों को बेसब्री से इंतज़ार था। शाम को निकली 7 जिप्सियों में सवार सैलानियों को एक नर बाघ दिखा, जिसे देखकर सभी उत्साह से झूम उठे।
वन अधिकारियों के अनुसार, बाघ के दर्शन ने पूरे पर्यटन दिवस को यादगार बना दिया। आम तौर पर सैलानी बाघ देखने की उम्मीद लेकर जंगल पहुंचते हैं, और जब यह इच्छा पूरी होती है तो अनुभव अविस्मरणीय बन जाता है।
उद्घाटन समारोह में एसडीओ अंकित जामोद, रेंजर राहुल उपाध्याय, आरओ बफर विलास डोंगरे, पर्यटन प्रभारी अनिल मालवीय समेत सतपुड़ा टाइगर रिजर्व का पूरा अमला मौजूद रहा। स्टाफ ने फूल और तिलक से पर्यटकों का स्वागत किया। सफारी सीजन की शुरुआत के साथ ही जंगल में फिर से रौनक लौट आई है। पर्यटक अब उत्सुक हैं कि आने वाले दिनों में उन्हें सतपुड़ा के बाघों और दुर्लभ वन्यजीवों का और करीब से नज़ारा देखने को मिले।