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चंडीगढ़/रोहतक। आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या के मामले में हरियाणा सरकार ने बड़ा प्रशासनिक एक्शन लिया है। शनिवार को सरकार ने रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजारनिया का तबादला कर दिया। यह कदम अधिकारी के परिवार की ओर से लगातार दबाव बनाए जाने और सुसाइड नोट में लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद उठाया गया है। इस आदेश की पुष्टि राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने की है।
हरियाणा सरकार ने आईपीएस अधिकारी सुरिंदर सिंह भोरिया को रोहतक का नया पुलिस अधीक्षक (एसपी) नियुक्त किया है। वहीं, बिजारनिया की नई नियुक्ति का आदेश फिलहाल लंबित है और इसे लेकर जल्द नया निर्देश जारी किया जाएगा।
आईपीएस वाई पूरन कुमार (52) ने मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित अपने आवास पर खुद को गोली मार ली थी। घटना के बाद एक विस्तृत सुसाइड नोट बरामद हुआ, जिसमें उन्होंने आठ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम लिखे थे। इन अधिकारियों पर उन्होंने जाति आधारित भेदभाव, मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार के गंभीर आरोप लगाए थे। सुसाइड नोट में रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया का नाम भी शामिल था।
कुमार की पत्नी अमनीत कुमार, जो स्वयं एक आईएएस अधिकारी हैं, ने बुधवार को चंडीगढ़ पुलिस को औपचारिक शिकायत दी। उन्होंने आरोप लगाया कि मेरे पति को लगातार जातिगत भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना झेलनी पड़ी, जिसके चलते उन्होंने यह कदम उठाया। अमनीत ने अपनी शिकायत में हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत कपूर और एसपी नरेंद्र बिजारनिया के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी/एसटी (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
घटना के पांच दिन बाद भी वाई पूरन कुमार का अंतिम संस्कार नहीं किया गया है। परिवार का कहना है कि जब तक सुसाइड नोट में दर्ज नामों पर कार्रवाई नहीं की जाती, वे अधिकारी को अंतिम विदाई नहीं देंगे। परिवार और करीबी अफसरों ने सरकार से न्यायिक जांच और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग की है।
आईपीएस अधिकारी की आत्महत्या और उसके बाद सामने आए सुसाइड नोट ने हरियाणा पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है। राज्य सरकार ने पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दे दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, राज्य गृह विभाग ने इस केस की फॉरेंसिक रिपोर्ट और डिजिटल एविडेंस भी तलब किए हैं।
वाई पूरन कुमार साल 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। वे हरियाणा पुलिस में कई अहम पदों पर रह चुके थे और अपनी सख्त छवि के लिए जाने जाते थे। हाल के वर्षों में वे एडीजी रैंक पर पदस्थ थे। सहकर्मियों के अनुसार, हाल के महीनों में वे तनावग्रस्त और मानसिक रूप से परेशान दिख रहे थे।