Mithilesh Yadav
20 Nov 2025
भोपाल। राजधानी के जयप्रकाश (जेपी) अस्पताल में शनिवार सुबह स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर लापरवाही उजागर हुई। ऑपरेशन थिएटर (OT) में सर्जरी शुरू होने से पहले बिजली चली गई, और जनरेटर भी फेल हो गया क्योंकि उसमें डीजल ही नहीं था। डॉक्टरों को टॉर्च की रोशनी में मरीज का इलाज संभालना पड़ा। इसी दौरान डायलिसिस यूनिट में 8 मरीजों की प्रक्रिया भी बीच में रोकनी पड़ी।
बिजली सुबह 10:05 बजे गई और 11:19 बजे बहाल हुई। इस दौरान ओटी, आईसीयू, ओपीडी और सिविल सर्जन कार्यालय समेत पूरा अस्पताल अंधेरे में रहा। आईसीयू में भर्ती मरीजों को उमस और घुटन का सामना करना पड़ा।
सुबह 9:55 बजे एक मरीज को एनेस्थीसिया देकर ओटी टेबल पर लिटाया गया था। जैसे ही सर्जन चीरा लगाने वाले थे, बिजली चली गई। यूपीएस से केवल मॉनिटर ही चालू रहे। डॉक्टरों ने तुरंत टॉर्च ऑन कर एनेस्थीसिया का असर कम करने की प्रक्रिया शुरू की। सर्जरी टालनी पड़ी और कुल दो ऑपरेशन स्थगित किए गए।
सुबह 8 बजे से डायलिसिस करा रहे 8 मरीजों की प्रक्रिया बिजली जाते ही रुक गई। मशीनों में सिर्फ 25 मिनट का बैकअप था जबकि प्रक्रिया पूरी होने में एक घंटे से अधिक समय बाकी था। यूनिट इंचार्ज ने ब्लड बैंक को अलर्ट किया।
बिजली फॉल्ट के बाद जनरेटर चालू नहीं हुआ। जांच में पता चला कि उसमें डीजल ही नहीं था। रिकॉर्ड के अनुसार 16 सितंबर को डीजल डलवाया गया था लेकिन खपत का कोई ब्यौरा दर्ज नहीं था। डीजल चोरी की आशंका जताई जा रही है।
सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा ने तकनीकी जांच के लिए समिति गठित की है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचाव के लिए “तीन-लेयर बिजली कनेक्शन” और जनरेटर में डीजल की दैनिक निगरानी की व्यवस्था लागू की जा रही है।