Aniruddh Singh
14 Sep 2025
नई दिल्ली। भारत सरकार ने उत्पादन आधारित प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) के अंतर्गत आने वाली ह्वाइट्स गुड्स यानी एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के लिए आवेदन विंडो दोबारा खोलने का निर्णय लिया है। यह कदम इस वजह से उठाया गया है, क्योंकि उद्योग जगत ने इस योजना में और अधिक निवेश करने की इच्छा व्यक्त की है। हाल के सालों में भारत में एसी और एलईडी लाइट्स के प्रमुख पुर्जों का घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ा है, जिससे उद्योग का भरोसा भी मजबूत हुआ है। व्यापार और उद्योग मंत्रालय के अनुसार, यह आवेदन विंडो उन्हीं शर्तों और नियमों के तहत खोली जा रही है जो 16 अप्रैल 2021 को अधिसूचित पीएलआई योजना और 4 जून 2021 को जारी दिशा-निर्देशों में पहले से तय किए गए हैं। योजना में समय-समय पर किए गए संशोधन भी लागू होंगे।
आवेदन की यह विंडो 15 सितंबर 2025 से खुलेगी और 14 अक्टूबर 2025 को बंद होगी। पीएलआई योजना के आवेदन केवल आधिकारिक पोर्टल pliwg.dpiit.gov.in पर ही किए जा सकेंगे। इस अवधि के बाद कोई आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी तरह का भेदभाव न हो, इसके लिए नए आवेदकों के साथ-साथ वे मौजूदा लाभार्थी भी आवेदन कर सकते हैं जो अपने निवेश को बढ़ाना चाहते हैं या किसी ऊंचे निवेश वाले टारगेट सेगमेंट में जाना चाहते हैं। इसके अलावा, ऐसे लाभार्थियों की समूह कंपनियां भी अलग-अलग टारगेट सेगमेंट के तहत आवेदन कर सकती हैं, बशर्ते वे योजना के दिशा-निर्देशों में दिए गए पात्रता मानकों और निवेश कार्यक्रमों का पालन करें।
योजना के नियमों के मुताबिक, जो भी नए आवेदक या मौजूदा लाभार्थी इस चौथे दौर में स्वीकृत होंगे, उन्हें योजना की शेष अवधि के लिए ही प्रोत्साहन मिलेगा। नए आवेदकों या जीपी-2 श्रेणी (मार्च 2023 तक) के मौजूदा लाभार्थियों के लिए, अगर वे उच्च निवेश श्रेणी में जाना चाहते हैं, तो अधिकतम दो सालों तक प्रोत्साहन का लाभ दिया जाएगा। वहीं जीपी-1 श्रेणी (मार्च 2022 तक) के मौजूदा लाभार्थियों को ऊंची निवेश श्रेणी में जाने पर केवल एक वर्ष तक प्रोत्साहन मिलेगा। यदि कोई मौजूदा लाभार्थी नई श्रेणी में जाने के बाद निर्धारित निवेश या बिक्री के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाता है, तो उसे अपने मूल निवेश योजना के अनुसार ही दावा प्रस्तुत करने का अधिकार रहेगा।
हालांकि, यह लचीलापन केवल एक बार ही योजना की पूरी अवधि के दौरान उपलब्ध होगा। इसका उद्देश्य है कि उद्योग को प्रोत्साहन मिले, लेकिन अनुशासन भी बना रहे। अब तक इस योजना के अंतर्गत 83 आवेदकों का चयन किया जा चुका है, जिन्होंने कुल 10,406 करोड़ रुपए का निवेश करने की प्रतिबद्धता जताई है। इन निवेशों से एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के पूरे मूल्य श्रृंखला (वैल्यू चेन) में आवश्यक पुर्जों का निर्माण संभव होगा। इसमें वे पुर्जे भी शामिल हैं, जो अभी तक भारत में पर्याप्त मात्रा में नहीं बनाए जाते। इससे आत्मनिर्भर भारत अभियान को मजबूती मिलेगी और आयात पर निर्भरता घटेगी। बता दें कि यह योजना सबसे पहले 2021 में शुरू की गई थी।
इसका उद्देश्य भारत में विनिर्माण क्षेत्र को मजबूत करना और उच्च तकनीकी वाले उपकरणों के घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करना है। खासतौर पर एसी और एलईडी लाइट्स जैसे ह्वाइट गुड्स जैसे क्षेत्र में, जहां अब तक भारत को कई महत्वपूर्ण पुर्जों के लिए विदेशी आपूर्ति पर निर्भर रहना पड़ता था। सरकार का मानना है कि पीएलआई योजना न केवल घरेलू उद्योग को बढ़ावा देगी बल्कि वैश्विक कंपनियों को भी भारत में उत्पादन करने के लिए आकर्षित करेगी। इससे निर्यात को बल मिलेगा, रोजगार सृजित होंगे और तकनीकी क्षमता में भी सुधार होगा। आवेदन विंडो को फिर से खोलना इस बात का संकेत है कि सरकार और उद्योग दोनों ही भारत को एक मजबूत विनिर्माण केंद्र के रूप में स्थापित करने के प्रति गंभीर हैं।