Aniruddh Singh
7 Nov 2025
Aniruddh Singh
7 Nov 2025
वाशिंगटन डीसी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा यह घोषणा कि संयुक्त राज्य अमेरिका का कोई भी सरकारी अधिकारी इस महीने दक्षिण अफ्रीका में होने वाले जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होगा, यह अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और वैश्विक मंचों पर अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण संकेत है। डोनाल्ड ट्रम्प ने लंबे समय से दक्षिण अफ्रीका की नीतियों, विशेषकर भूमि अधिग्रहण, इजरायल को लेकर इसकी स्थिति और श्वेत अफ्रीकनर समुदाय (डच, फ्रांसीसी और जर्मन आप्रवासियों के वंशज) के खिलाफ कथित हिंसा पर कड़ा रुख अपनाया है। उनका यह दावा कि अफ्रीकनर किसानों की हत्याएँ हो रही हैं और उनकी जमीनें अवैध रूप से छीनी जा रही हैं, दक्षिण अफ्रीका की घरेलू राजनीति, जातीय संबंधों और ऐतिहासिक भूमि सुधार विवादों से जुड़ा हुआ है।
यह निर्णय यह दिखाता है कि ट्रम्प प्रशासन ने उन देशों के प्रति कठोर और दंडात्मक रुख अपना लिया है, जिनकी नीतियां अमेरिका के मानवाधिकार आकलन या रणनीतिक हितों से टकराती हैं। सामान्यतः जी20 जैसे मंचों को वैश्विक आर्थिक समन्वय, जलवायु सहयोग, व्यापार संतुलन और विश्वव्यापी वित्तीय स्थिरता से जुड़ी चर्चाओं का केंद्र माना जाता है। ऐसे में किसी सदस्य राष्ट्र का भाग न लेना न केवल कूटनीतिक संबंधों पर प्रभाव डालता है, बल्कि वैश्विक निर्णय प्रक्रिया को भी प्रभावित करता है। अमेरिका की अनुपस्थिति से यह संदेश भी जाता है कि ट्रम्प प्रशासन घरेलू राजनीतिक मुद्दों और विचारधारात्मक प्राथमिकताओं को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी निर्णायक मानता है।
डोनाल्ड ट्रम्प का यह बयान कि यह पूरी तरह अपमानजनक है कि जी20 दक्षिण अफ्रीका में आयोजित हो रहा है और यह कि 2026 का जी20 शिखर सम्मेलन वह मियामी में आयोजित करेंगे, यह भी दर्शाता है कि वह वैश्विक कार्यक्रमों को अपनी राजनीतिक छवि, घरेलू समर्थन आधार और विदेश नीति संदेशों से जोड़कर देखते हैं। दक्षिण अफ्रीका की सरकार ने बार-बार कहा है कि भूमि सुधार संवैधानिक ढ़ांचे के भीतर हो रहे हैं, परंतु इस संबंध में ट्रम्प के बयान इन विवादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक चर्चा में ला देते हैं। सितंबर में उन्होंने कहा था कि उपराष्ट्रपति जेडी वेंस इस सम्मेलन में उनका प्रतिनिधित्व करेंगे, अब रद्द हो चुका है। यह घटनाक्रम संकेत देता है कि वाशिंगटन-प्रिटोरिया संबंधों में तनाव बढ़ रहा है।