Aniruddh Singh
7 Nov 2025
Aniruddh Singh
7 Nov 2025
Aniruddh Singh
4 Nov 2025
वाशिंगटन डीसी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने चीन के खिलाफ तकनीकी नियंत्रण को और सख्त करते हुए अब एनवीडिया को अपनी कम-शक्ति वाली एआई चिप्स भी उसे को बेचने पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि व्हाइट हाउस ने सरकारी एजेंसियों को निर्देश दिया है कि एनवीडिया अपनी बी30ए चिप चीन में नहीं बेच सकेगी। एनवीडिया ने इस बी30ए चिप के सैंपल पहले ही कई चीनी ग्राहकों को भेज दिए थे, लेकिन अब नई रोक के बाद इनकी कमर्शियल सप्लाई संभव नहीं होगी। बी30ए चिप को एनवीडिया ने एच20 मॉडल से अधिक शक्तिशाली बनाकर तैयार किया था, जो अब तक चीन में बेचने की अनुमति वाली चिप थी। इस वजह से बी30ए को लेकर चीन में एनवीडिया की उम्मीदें बढ़ी थीं, लेकिन अब वे धूमिल होती दिख रही हैं।
अमेरिका और चीन के बीच चल रहे तकनीकी और व्यापारिक तनाव के बीच एनवीडिया एक तरह से रणनीतिक हथियार बन गई है। इस साल अमेरिका ने कंपनी को अस्थायी रूप से चीन को चिप्स बेचने से रोक दिया था, जिसमें एच20 जैसी चीन-विशेष चिप्स भी शामिल थीं। बाद में तनाव थोड़ा कम होने पर ट्रंप प्रशासन ने एनवीडिया को कुछ चिप्स की बिक्री फिर से अनुमति दी, लेकिन अब फिर से प्रतिबंधों को कड़ा किया जा रहा है। चीन की तरफ से भी दबाव बढ़ा है। बीजिंग सरकार पूर्ण आत्मनिर्भरता की नीतियों पर तेजी से आगे बढ़ रही है, खासकर एआई सेक्टर में। चीन चाहता है कि देश में ही एआई प्रोसेसर तैयार हों और विदेशी चिप्स पर निर्भरता समाप्त हो। इस वजह से एनवीडिया के लिए चीन का बाजार पहले ही चुनौतीपूर्ण हो चुका है।
कंपनी ने इस साल कहा था कि वह भविष्य की रेवेन्यू और प्रॉफिट गाइडेंस में चीन को शामिल नहीं करेगी। एनवीडिया के सीईओ जेनसन हुआंग चीन के साथ संबंध बनाए रखने और अमेरिकी प्रशासन के कठोर रवैए के बीच संतुलन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन ट्रंप प्रशासन की कठोर चीन-नीति ने इस संतुलन को काफी मुश्किल बना दिया है। हुआंग ने हाल ही में कहा था कि ऊर्जा लागत कम होने और नियमों में ढील होने के कारण चीन एआई रेस में आगे निकल सकता है। यह बयान भी अमेरिका के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। संक्षेप में, एनवीडिया दो विश्व शक्तियों के बीच चल रही तकनीकी लड़ाई में फंसी है। अमेरिका का उद्देश्य है कि चीन उन्नत एआई तकनीक तक न पहुंच सके, जबकि एनवीडिया अपने सबसे बड़े बाजारों में से एक से दूरी बनाने को मजबूर है। इस विवाद का असर वैश्विक एआई उद्योग पर भी व्यापक रूप से देखने को मिलेगा।