Mithilesh Yadav
12 Oct 2025
भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ ली है। प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में लगातार हो रही बारिश के चलते हालात बिगड़ने लगे हैं। मौसम विभाग (IMD) ने 4, 5 और 6 अगस्त के लिए कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। 31 जिलों में रेड और ऑरेंज अलर्ट के साथ चेतावनी दी गई है कि जलभराव, बिजली आपूर्ति में बाधा और सड़क मार्ग प्रभावित हो सकते हैं।
4 अगस्त को ग्वालियर, मुरैना, भिंड, श्योपुर, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में भारी बारिश का यलो अलर्ट है। इन जिलों में अगले 24 घंटे में 4.5 इंच तक पानी गिर सकता है।
उत्तर प्रदेश की यमुना नदी के जलस्तर बढ़ने का असर एमपी के चित्रकूट तक पहुंचा है, जहां मंदाकिनी नदी उफान पर है। रामघाट पर मंदिरों और 100 से ज्यादा दुकानों में पानी भर गया है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्यप्रदेश के ऊपर ट्रफ लाइन और साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। इससे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी आ रही है, जो बारिश को बढ़ा रही है। अगले 72 घंटे में इस सिस्टम का असर और तेज हो सकता है।
5 अगस्त को ग्वालियर, मुरैना और भिंड में भारी बारिश का यलो अलर्ट रहेगा। साथ ही प्रदेश के लगभग सभी जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई गई है।
6 अगस्त को ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, दतिया, निवाड़ी, टीकमगढ़ और छतरपुर में फिर भारी बारिश का अलर्ट है। साथ ही रीवा, सतना, सीधी, शहडोल, उमरिया, सागर, दमोह, पन्ना जैसे जिलों में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है।
जबलपुर, रीवा और सागर संभाग में पहले ही बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं। जबलपुर में हजारों एकड़ में धान की फसल जलमग्न हो गई है। खेतों में पानी भरा होने से किसान परेशान हैं। नालियों की साफ-सफाई नहीं होने से जलनिकासी नहीं हो पा रही है।
रायसेन में बेतवा नदी विकराल रूप ले चुकी है। कई पुल और मंदिर जलमग्न हैं। वहीं नर्मदा नदी में भी उफान जारी है, जिससे डैम के गेट खोलने पड़े हैं। मंदाकिनी नदी में आई बाढ़ से चित्रकूट का रामघाट जलमग्न हो गया है।
भोपाल: अधिकतम 30.4°C, अब तक 50% बारिश
इंदौर: अधिकतम 29.8°C, सबसे कम बारिश
ग्वालियर: अधिकतम 30°C, बारिश का रिकॉर्ड टूटा
जबलपुर: अधिकतम 29.5°C, किसानों को नुकसान
उज्जैन: सबसे अधिक तापमान 30.5°C
मौसम विभाग और प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। राहत टीमें अलर्ट पर हैं और जलभराव वाले क्षेत्रों में नजर बनाए हुए हैं। किसानों, यात्रियों और आम जनता को मौसम अपडेट चेक करते रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।