Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
शाहिद खान,भोपाल। राजधानी में बिना इजाजत पेड़ काटने वालों को जेल भेजने की तैयारी नगर निगम ने कर ली है। निगम आयुक्त ने उद्यान विभाग अधिकारियों को चेतावनी दी है कि अगर कहीं भी पेड़ कटा, तो जिम्मेदारी उनकी होगी। यहां तक सब ठीक है, लेकिन सवाल ये है कि जो पेड़ इन अफसरों की लापरवाही या मिलीभगत से कट चुके हैं और पंचनामा भी बना और लकड़ी भी जब्ती हुई, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। क्या उन पर भी कार्रवाई होगी?
भोपाल में पिछले 10 सालों में सरकारी प्रोजेक्ट के नाम पर 10 लाख से ज्यादा पेड़ों को काटा जा चुका है। इनमें 6 लाख से ज्यादा पेड़ बीआरटीएस, स्मार्ट सिटी और मेट्रो जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स सहित सड़क चौड़ीकरण और इमारतें बनाने के लिए काटे गए। जबकि 4 लाख पेड़ों की अवैध कटाई हुई। पेड़ों की सबसे ज्यादा अवैध कटाई कलियासोत नदी, केरवा डेम एरिया, कोलार, एयरपोर्ट रोड, गांधी नगर, अयोध्या बायपास, रायसेन, बैरसिया रोड, होशंगाबाद रोड और विदिशा रोड पर अवैध कॉलोनियां बनाने हुई है। इसके साथ ही शहरी एरिया में पेड़ों की अवैध कटाई जारी है, लेकिन, अवैध कटाई पर जुर्माने का आंकड़ा उंगलियों पर गिना जा सकता है।
होता ये है कि 20 पेड़ों को काटने के लिए 5 पेड़ काटने की अनुमति ली जाती है और 20 पेड़ काट दिए जाते हैं। 5 पेड़ों की लकड़ी निगम के यार्ड में पहुंचाई जाती है और बाकी15 पेड़ों की लकड़ी उद्यानिकी कर्मचारियों के हिस्से आती है। ऐसे में ऐसे में 60 फीसदी लोग छंटाई की अनुमति लेकर पेड़ों को कटवा देते हैं। अवैध पेड़ों की कटाई पर कार्रवाई इसलिए नहीं होती, क्योंकि इनमें उद्यानिकी शाखा कर्मचारियों की मिलीभगत होती है। ऐसे कई मामले हैं, पिछले एक साल में सामने आ चुके हैं, जब उद्यानिकी शाखा कर्मचारियों ने छंटाई के नाम पर पेड़ों को काट दिया। शिकायत भी हुई, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं हुई।
निगम उद्यानिकी शाखा सूत्रों के मुताबिक हर महीने लगभग 100 पेड़ों को काटने और 300 पेड़ों को छांटने की अनुमति जारी की जाती है। पेड़ों को काटने के ऐवज में चार गुना पेड़ लगाने की राशि जमा कराई जाती है और लकड़ी निगम के लकड़ी यार्ड में पहुंचाई जाती है। छंटाई के लिए मामूली शुल्क ही लिया जाता है। सूत्रों के मुताबिक शहर में परमिशन लेकर रोज 2 से 3 पेड़ काटे जा रहे हैं, वहीं अवैध रूप से 25 से ज्यादा पेड़ों को काट दिया जाता है। ऐसे में बीते 1 साल में अवैध रूप से काटे गए पेड़ों की बात करें, तो इनकी तादात 9 से 10 हजार के करीब पहुंचती है। यानी हर महीने 800 से ज्यादा पेड़ काटे गए और हर दिन 25 पेड़ काटे गए।
इस बारे में नगर निगम आयुक्त संस्कृति जैन ने कहा कि उद्यानिकी शाखा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि पेड़ काटने वालों पर एफआईआर कराएं। अधिकारियों-कर्मचारियों को मॉनीटरिंग करने के निर्देश भी दिए गए है अवैध रूप से पेड़ न कटें।