Manisha Dhanwani
3 Oct 2025
Aniruddh Singh
3 Oct 2025
जापान के इतिहास में पहली बार ऐसा होने वाला है कि कोई महिला प्रधानमंत्री पद को संभालेगी। सत्ताधारी लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) ने शनिवार (4 अक्टूबर) को 64 वर्षीय साने ताकाइची को अपना नया नेता चुन लिया। ताकाइची ने चुनाव के दूसरे दौर में शिंजिरो कोईज़ुमी को 185 बनाम 156 वोटों से हराया।
अब इस महीने के मध्य में संसद में वोटिंग होगी, जिसके बाद ताकाइची प्रधानमंत्री बन सकती हैं। हालांकि, चुनौती यह है कि LDP गठबंधन ने पिछले साल दोनों सदनों में बहुमत खो दिया था। इसलिए उनके प्रधानमंत्री बनने की गारंटी नहीं है।
1947 में लोकतंत्र बहाल होने के बाद से जापान को कभी महिला प्रधानमंत्री नहीं मिली। ताकाइची अगर सफल होती हैं तो यह इतिहास में पहली बार होगा।
ताकाइची एक रूढ़िवादी (कंजरवेटिव) और राष्ट्रवादी नेता मानी जाती हैं। वे पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की करीबी सहयोगी रही हैं। ताकाइची ने अक्सर चीन के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और ‘जापान फर्स्ट’ नीति पर जोर देती हैं। यही कारण है कि व्यापार जगत को उनके नेतृत्व में चीन के साथ रिश्तों पर असर पड़ने की चिंता है।
भारत और जापान क्वाड समूह के अहम साझेदार हैं। ताकाइची का नेतृत्व भारत के लिए सकारात्मक माना जा रहा है क्योंकि वे इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चीन के खिलाफ भारत का समर्थन कर सकती हैं।
ताकाइची के करीबी प्रतिद्वंद्वी शिंजिरो कोईजुमी, पूर्व प्रधानमंत्री जुनिचिरो कोईजुमी के बेटे हैं। अगर वे जीतते तो जापान को 1885 के बाद सबसे युवा प्रधानमंत्री मिल जाता।
ताकाइची समलैंगिक विवाह का विरोध करती हैं और 2020 में उन्होंने जेंडर इक्वालिटी योजना का विरोध करते हुए इसे परिवार व्यवस्था के खिलाफ बताया था। विदेश नीति में वे चीन पर बौद्धिक संपदा चोरी और आक्रामक रवैये की आलोचना करती रही हैं।