Naresh Bhagoria
23 Nov 2025
नई दिल्ली। चंडीगढ़ को आर्टिकल 240 के तहत लाने की खबरों से उपजे राजनीतिक हंगामे के बीच आखिरकार गृह मंत्रालय ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। मंत्रालय ने कहा है कि, सरकार का इस शीतकालीन सत्र में चंडीगढ़ को लेकर कोई विधेयक लाने का इरादा नहीं है। इससे पंजाब और हरियाणा की राजनीति में मची हलचल को बड़ा विराम मिल सकता है।
गृह मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि, चंडीगढ़ से संबंधित कानून बनाने की प्रक्रिया को आसान करने का एक प्रस्ताव विचाराधीन है, लेकिन यह अभी शुरुआती चरण में है। मंत्रालय ने जोर देकर कहा कि, चंडीगढ़ की मौजूदा प्रशासनिक संरचना अपरिवर्तित रहेगी। पंजाब और हरियाणा के अधिकारों या संबंधों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अभी सिर्फ चर्चा चल रही है, कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ। सरकार ने यह भी साफ किया कि, इस विषय पर शीतकालीन सत्र में कोई विधेयक लाने की योजना नहीं है।
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब संसद की बुलेटिन सूची में “संविधान (131वां संशोधन) विधेयक, 2025” का उल्लेख सामने आया। इस प्रस्ताव में चंडीगढ़ को आर्टिकल 240 के दायरे में लाने की बात कही गई थी, जिसके तहत राष्ट्रपति को चंडीगढ़ के लिए सीधे नियम बनाने का अधिकार मिल जाता। इसी बिंदु पर कई राजनीतिक दलों को आशंका हुई कि, इससे चंडीगढ़ की प्रशासनिक स्थिति बदल सकती है और पंजाब के अधिकार कमजोर पड़ सकते हैं।
बुलेटिन सामने आते ही पंजाब में राजनीतिक दलों ने तीखी प्रतिक्रिया दी-
सीएम भगवंत मान ने इसे पंजाब के साथ अन्याय बताया। कांग्रेस प्रमुख राजा वड़िंग ने चेतावनी दी कि चंडीगढ़ को “छीनने” की किसी भी कोशिश के गंभीर नतीजे होंगे। अकाली दल प्रमुख सुखबीर बादल ने इसे पंजाब के अधिकारों पर हमला कहा। AAP सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने सभी पंजाब सांसदों से गृह मंत्री से मिलने की अपील की। अरविंद केजरीवाल ने भी कथित प्रस्ताव पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। इन बयानों से पंजाब-हरियाणा और केंद्र के बीच तनाव काफी बढ़ गया था।
गृह मंत्रालय ने राज्यों और नागरिकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि, चंडीगढ़ से जुड़ा कोई भी कदम तभी उठाया जाएगा जब सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा हो, सभी पक्षों की सहमति बने। मंत्रालय ने कहा कि, फिलहाल चिंता की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि यह मसला सिर्फ विचार-विमर्श के स्तर पर है।
केंद्र के इस बयान के बाद माना जा रहा है कि, बीते दिनों से जारी राजनीतिक उथल-पुथल में कमी आएगी। पंजाब और हरियाणा के बीच बढ़ रहे तनाव में भी राहत मिल सकती है और चंडीगढ़ की मौजूदा स्थिति को लेकर फैल रही आशंकाएं फिलहाल समाप्त होने की उम्मीद है।