कौन लेगा 'Dream11' की जगह? टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप महंगी हुई, BCCI ने बढ़ाई बेस प्राइस
स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सरशिप के लिए नई बेस प्राइस तय कर दी है। अब बाइलेटरल मैचों (भारत बनाम एक देश) के लिए 3.5 करोड़ रुपए और मल्टीलैटरल टूर्नामेंट (ICC या ACC इवेंट) के लिए 1.5 करोड़ रुपए प्रति मैच तय किए गए हैं। Dream11 के हटने के बाद 16 सितंबर को नए स्पॉन्सर की बोली लगेगी।
कितनी बढ़ी स्पॉन्सरशिप फीस?
अब तक BCCI को बाइलेटरल मैचों के लिए करीब 3.17 करोड़ रुपये और मल्टीलैटरल टूर्नामेंट के लिए 1.12 करोड़ रुपये मिलते थे। नई बेस प्राइस के हिसाब से यह रकम लगभग 10% ज्यादा हो जाएगी।
- 3.5 करोड़ रुपए प्रति मैच- बाइलेटरल सीरीज के लिए
- 1.5 करोड़ रुपए प्रति मैच- मल्टीलैटरल टूर्नामेंट (जैसे वर्ल्ड कप, एशिया कप) के लिए
3 साल में 400 करोड़ से ज्यादा कमाई की उम्मीद
BCCI तीन साल के लिए स्पॉन्सरशिप डील करना चाहता है। इस दौरान करीब 130 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले जाएंगे, जिनमें 2026 का T20 वर्ल्ड कप और 2027 का ODI वर्ल्ड कप भी शामिल हैं। नई दरों के हिसाब से बोर्ड को 400 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमाई हो सकती है।
जर्सी पर लोगो दिखने से तय होती है कीमत
बाइलेटरल मैचों में स्पॉन्सर को ज्यादा फायदा होता है, क्योंकि कंपनी का लोगो खिलाड़ियों की जर्सी के सामने (छाती पर) दिखता है। लेकिन ICC और ACC टूर्नामेंट में जर्सी के स्लीव (बाजू) पर ही लोगो दिखाया जाता है, इसलिए वहां स्पॉन्सरशिप फीस कम रखी गई है।
Dream11 क्यों हटी?
अभी तक टीम इंडिया की जर्सी स्पॉन्सर Dream11 थी। लेकिन हाल ही में लागू हुए Online Gaming Act 2025 के तहत असली पैसों से खेले जाने वाले गेम्स पर रोक लगा दी गई है। इसी वजह से Dream11 ने स्पॉन्सरशिप छोड़ दी।
स्पॉन्सरशिप पर बोली 16 सितंबर को
नया स्पॉन्सर चुनने के लिए बोली प्रक्रिया (Bidding) 16 सितंबर को होगी। इसका मतलब है कि 9 सितंबर से शुरू हो रहे एशिया कप में टीम इंडिया की जर्सी पर किसी नए स्पॉन्सर का लोगो नहीं होगा। BCCI ने साफ किया है कि कोई इंटरिम (अस्थाई) स्पॉन्सरशिप नहीं दी जाएगी।
किन कंपनियों को बोली की अनुमति?
- 2 सितंबर को BCCI ने Expression of Interest जारी कर नियम तय किए।
- बोली नहीं लगा सकेंगी: गेमिंग, बेटिंग, क्रिप्टो, तंबाकू कंपनियां।
- अनुमति नहीं: स्पोर्ट्सवियर ब्रांड, बैंकिंग और फाइनेंशियल कंपनियां, कोल्ड ड्रिंक, पंखे, मिक्सर-ग्राइंडर, ताले और इंश्योरेंस कंपनियां।
- क्योंकि इन सेक्टर्स से पहले ही BCCI के पार्टनर जुड़े हुए हैं।