Aniruddh Singh
7 Oct 2025
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर जीएसटी ढांचे में बड़े बदलाव की घोषणा ने दलाल स्ट्रीट को उत्साहित कर दिया है। इस घोषणा के बाद निवेशकों और ब्रोकरेज हाउसों का अनुमान है कि दिवाली तक होने वाले कर सुधारों से ऑटोमोबाइल, सीमेंट, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, रियल एस्टेट, वित्तीय सेवाओं और उपभोक्ता वस्तुओं से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिलेगी। करीब 40 से अधिक कंपनियां इस सुधार से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगी। इस सुधार का सबसे बड़ा पहलू यह है कि मौजूदा चार-स्लैब जीएसटी संरचना को घटाकर दो मुख्य स्लैब किए जाएंगे – 5% और 18%। केवल 7 सिन गुड्स कही जाने वाली वस्तुओं को उच्च टैरिफ श्रेणी में रखे जाने का प्रस्ताव है। इसका अर्थ यह है कि जो वस्तुएं अभी 12% स्लैब में आती हैं, उनमें से 99% वस्तुएं 5% वाले स्लैब में चली जाएंगी और जो वस्तुएं 28% के उच्च स्लैब में हैं, उनमें से लगभग 90% को 18% पर ला दिया जाएगा। यह बदलाव उपभोक्ताओं को सस्ती कीमतों पर सामान उपलब्ध कराने में मदद करेगा और बाजार में खपत को बढ़ावा देगा।
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ऑटो सेक्टर इस सुधार का सबसे बड़ा लाभार्थी माना जा रहा है। अभी दोपहिया, छोटी कारें और कई कमर्शियल वाहन 28% के टैक्स स्लैब में आते हैं। यदि यह दर घटाकर 18% कर दी जाती है तो इन वाहनों की कीमतें 10% तक कम हो सकती हैं। इससे बजाज, हीरो, टीवीएस, आयशर जैसी टू-व्हीलर कंपनियां और मारुति, टाटा मोटर्स जैसी पैसेंजर व्हीकल कंपनियों जबरदस्त लाभ मिलेगा। ट्रैक्टर और कृषि उपकरण बनाने वाली कंपनियों को भी इससे लाभ मिलेगा क्योंकि उन पर लगने वाला टैक्स 12% से घटकर केवल 5% रह जाएगा। सीमेंट सेक्टर में भी यह सुधार क्रांतिकारी असर डालेगा। अभी सीमेंट पर 28% जीएसटी लगता है, जिसे 18% पर लाने का प्रस्ताव है। कर सुधार लागू होने पर सीमेंट की कीमतें लगभग 7-8% तक कम हो सकती हैं। इसका सीधा लाभ कंपनियों को होगा। इसके साथ ही, रियल एस्टेट सेक्टर को भी फायदा मिलेगा, क्योंकि घर बनाने की लागत घटेगी और डेवलपर्स की मार्जिन में सुधार आएगा।
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कंज्यूमर ड्यूरेबल्स यानी घरेलू उपकरणों और उपभोक्ता वस्तुओं पर भी बड़ा असर पड़ेगा। एयर कंडीशनर, रेफ्रिजरेटर जैसे प्रोडक्ट्स जिन पर अभी 28% जीएसटी लगता है, उन्हें 18% पर लाने का प्रस्ताव है। इससे वोल्टास, ब्लू स्टार, एम्बर और हॅवेल्स जैसी कंपनियों को लाभ होगा। आयुर्वेदिक और एफएमसीजी प्रोडक्ट्स सस्ते होंगे, जिससे डाबर, इमामी, पतंजलि और आईटीसी जैसी कंपनियों की बिक्री बढ़ सकती है। बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों पर इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव होगा। जब वस्तुएं और सेवाएं सस्ती होंगी तो उपभोक्ताओं की खपत बढ़ेगी और वे अधिक कर्ज लेने के इच्छुक होंगे। इससे आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक जैसी बैंकों और बजाज फाइनेंस जैसी एनबीएफसी कंपनियों को फायदा मिलेगा। इसके अलावा, बीमा कंपनियां और रिटेल से जुड़ी कंपनियां जैसे रिलैक्सो, शॉपर्स स्टॉप, ट्रेंट और वेदांत फैशन भी परोक्ष रूप से इस सुधार से लाभान्वित हो सकती हैं। समग्र रूप से देखा जाए तो यह सुधार न केवल उपभोक्ताओं को राहत देगा बल्कि शेयर बाजार में भी तेजी को सपोर्ट करेगा। हालांकि, सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती होगी कि इस सुधार से होने वाले राजस्व नुकसान की भरपाई कैसे की जाएगी।