Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
Mithilesh Yadav
6 Oct 2025
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6 Oct 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शराब-कोयला घोटाला और महादेव सट्टा ऐप से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED), आर्थिक अपराध शाखा (EOW) और सीबीआई (CBI) की कार्रवाई के घेरे में आए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अब सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। गिरफ्तारी की आशंका से उन्होंने अग्रिम जमानत याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने जांच में पूरा सहयोग करने का आश्वासन दिया है।
भूपेश बघेल ने अपनी याचिका में कहा है कि जिस तरह उनके बेटे चैतन्य बघेल को बिना पर्याप्त साक्ष्यों के राजनीतिक द्वेष के तहत गिरफ्तार किया गया, उसी तरह उन्हें भी निशाना बनाया जा सकता है। पूर्व सीएम का कहना है कि उनके खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई की जा रही है और उन्हें राजनैतिक रूप से फंसाने की साजिश चल रही है।
शराब घोटाले में गिरफ्तार भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, जो इस समय रायपुर जेल में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। उन्होंने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है। चैतन्य ने याचिका में तर्क दिया है कि ED की FIR में उनका नाम नहीं है और किसी गवाह के बयान में भी उनका जिक्र नहीं है, फिर भी उन्हें गिरफ्तार किया गया है, जो राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा है।
करीब 5 महीने पहले, शराब घोटाले मामले में ED ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल के भिलाई स्थित आवास पर छापा मारा था। यह कार्रवाई सुबह 8 बजे शुरू होकर 10 घंटे तक चली थी। छापेमारी के दौरान टीम ने 32-33 लाख रुपए नकद, महंगे दस्तावेज और कुछ सोने के आभूषण जब्त किए थे।
इस दौरान ED की टीम की गाड़ियों पर पथराव, कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प और सुरक्षा बलों की तैनाती जैसी घटनाएं भी सामने आई थीं।
उसी दिन चैतन्य बघेल के कई करीबियों के ठिकानों समेत राज्यभर में 14 स्थानों पर छापेमारी हुई थी। जिनमें लक्ष्मीनारायण बंसल, पप्पू बंसल, मनोज राजपूत, अभिषेक ठाकुर, संदीप सिंह, कमल अग्रवाल, सुनील अग्रवाल (सहेली ज्वेलर्स), और बिल्डर अजय चौहान के नाम प्रमुख हैं।
ED ने 20 जुलाई 2025 को चैतन्य बघेल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के बाद उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था, जो 4 अगस्त को खत्म हो रही है। संभावना है कि ED एक बार फिर ज्यूडिशियल रिमांड बढ़ाने की मांग कोर्ट में कर सकती है।
भूपेश बघेल और उनके बेटे चैतन्य बघेल की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई होने की संभावना जताई जा रही है। अगर कोर्ट से राहत नहीं मिली, तो पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच एजेंसियों की कार्रवाई और तेज हो सकती है।