Shivani Gupta
7 Oct 2025
Shivani Gupta
4 Oct 2025
काहिरा। मिस्र में इजराइली और फिलिस्तीनी प्रतिनिधिमंडलों के बीच सोमवार शाम से अप्रत्यक्ष वार्ता शुरू हो गई है। इस बातचीत का उद्देश्य अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की गाजा संघर्षविराम योजना पर आधारित समझौते को अंतिम रूप देना है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, यह बातचीत कई दिनों तक चल सकती है, जिसमें अमेरिका, कतर, मिस्र और तुर्की के मध्यस्थ शामिल हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि ये वातार्एं दो दिन के भीतर नतीजे पर पहुंच जाएंगी और उन्होंने दोनों पक्षों से तेजी से आगे बढ़ने की अपील की। इससे पहले उन्होंने चेतावनी दी थी कि यदि हमास गाजा में सत्ता छोड़ने से इंकार करता है, तो उसे पूरी तरह नष्ट कर दिया जाएगा।
हमास और इजराइल के बीच अप्रत्यक्ष वार्ताएं वे बैठकें होती हैं, जिनमें दोनों पक्ष सीधे आमने-सामने नहीं बैठते। इसका मतलब यह है कि हमास और इजराइल के प्रतिनिधि सीधे संवाद नहीं करते, बल्कि मध्यस्थों के माध्यम से बातचीत करते हैं। अप्रत्यक्ष वार्ता का लाभ यह है कि दोनों पक्ष अपने रुख बिना सीधे टकराव के रख सकते हैं, जबकि मध्यस्थ शांति और समझौते की दिशा में मदद करते हैं। इस बातचीत में हमास प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व मुख्य वातार्कार खलील अल-हैय्या कर रहे हैं। इजराइल प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व रॉन डर्मर कर रहे हैं, जो इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामि नेतन्याहू के करीबी सहयोगी हैं। मध्यपूर्व के विशेष अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ और डोनाल्ड ट्रंप के दामाद जेरेड कुशनर भी बातचीत का हिस्सा हैं।
उधर, वाशिंगटन में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लीविट ने कहा मिस्र में इजराइल और हमास के बीच वर्तमान में तकनीकी स्तर की वातार्एं ठीक दिशा में आगे बढ़ रही हैं। हालांकि उन्होंने यह स्पष्ट करने से इंकार किया कि ये बातचीत कितने समय तक चलेगी। लीविट ने कहा राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की प्राथमिकता गाजा में संघर्षविराम स्थापित करना और सभी बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि वार्ताएं चल रही हैं और राष्ट्रपति चाहते हैं कि जल्द से जल्द शांति स्थापित हो। लीविट ने कहा इजराइल, हमास और अन्य देशों ने ट्रंप की 20-बिंदु शांति योजना पर सहमति व्यक्त की है। हालांकि, जब उनसे यह पूछा गया कि अमेरिका किन परिस्थितियों में फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दे सकता है, तो उन्होंने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
अमेरिका में इजराइल के राजदूत येचिएल लाइटर ने कहा उनका देश गाजा में चल रही अप्रत्यक्ष वातार्ओं से काफी आशान्वित है। उम्मीद है बचे बंधकों की रिहाई के साथ शांति की दिशा में ठोस कदम उठेंगे। लाइटर ने कहा, हमें उम्मीद है कम से कम डोनाल्ड ट्रंप की प्रस्तावित शांति योजना का पहला चरण लागू हो जाएगा। पहले चरण के तहत 48 शेष बंधकों जिनमें से लगभग 20 जीवित हैं, की रिहाई और इजराइली सेना (आईडीएफ) की गाजा से आंशिक वापसी शामिल है। लाइटर, ने कहा इजराइल के लिए सबसे बड़ी सफलता यह होगी कि गाजा का भविष्य हमास के बिना तय हो सके। उन्होंने कहा, फिलिस्तीनियों की सच्ची आजादी तभी संभव है जब गाजा पर हमास जैसे तानाशाही शासन का अंत हो।
स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग इजराइल से निर्वासन के बाद ग्रीस की राजधानी एथेंस पहुंचीं। एथेंस हवाईअड्डे पर पहुंचने पर भीड़ ने फ्री फिलिस्तीन के नारे लगाए, जबकि ग्रेटा ने अन्य कार्यकर्ताओं के साथ तस्वीर खिंचवाई। ग्रेटा ने कहा, हमारे साथ जो अत्याचार हुआ, उस पर मैं लंबे समय तक बोल सकती हूं, पर असली कहानी यह है कि इजराइल एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन कर रहा है। गाजा में भुखमरी की स्थिति के बीच उन्होंने मानवीय सहायता को अंदर जाने से रोका, जबकि वहां नरसंहार और विनाश लगातार बढ़ रहा है। थानबर्ग उस अभियान में शामिल थीं, जिसका उद्देश्य गाजा तक राहत सामग्री पहुंचाना था। इजराइल ने इस अभियान को अवैध बताते हुए सभी 171 प्रतिभागियों को हिरासत में लिया और बाद में निर्वासित कर दिया।