People's Reporter
11 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
नई दिल्ली। तेल कंपनियों ने 1 अक्टूबर 2025 से वाणिज्यिक एलपीजी और वायुयानों में इस्तेमाल होने वाला ईंधन एटीएफ के दामों में बढ़ोतरी कर दी है। वाणिज्यिक गैस सिलेंडर की कीमत में 15.50 रुपए की वृद्धि की गई है, जबकि एटीएफ यानी विमान ईंधन के दाम में 3,052.50 रुपए प्रति किलोलीटर का इजाफा किया गया है। यह निर्णय सीधे तौर पर होटल, रेस्टोरेंट, कैफे और एयरलाइंस जैसे क्षेत्रों पर असर डालेगा। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत में यह बढ़ोतरी घरेलू रसोई गैस सिलेंडरों से जुड़ी नहीं है, बल्कि उन सिलेंडरों से संबंधित है जिनका इस्तेमाल व्यावसायिक प्रतिष्ठान करते हैं। घरेलू उपभोक्ताओं को तुरंत कोई अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा, लेकिन होटल, ढाबे और बड़े स्तर पर खानपान का काम करने वालों को अपने खर्च में वृद्धि देखनी पड़ेगी। इसका असर ग्राहकों पर भी पड़ेगा क्योंकि रेस्तरां और फूड सर्विस प्रोवाइडर अपनी लागत बढ़ने पर खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ा सकते हैं।
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दूसरी ओर एटीएफ यानी विमान ईंधन की कीमतों में तेज बढ़ोतरी एयरलाइंस कंपनियों के लिए बड़ा झटका है। एटीएफ का खर्च एयरलाइंस के कुल संचालन लागत का लगभग 40% से 45% हिस्सा होता है। ऐसे में 3,052.50 रुपए प्रति किलोलीटर की बढ़ोतरी कंपनियों की लागत को काफी प्रभावित करेगी। इसके चलते निकट भविष्य में हवाई टिकटों के दाम भी बढ़ सकते हैं क्योंकि एयरलाइंस आमतौर पर बढ़ी हुई लागत का बोझ यात्रियों पर डाल देती हैं। इससे यात्रियों की जेब पर असर पड़ना तय है। तेल कंपनियों का कहना है कि कीमतों की यह समीक्षा हर महीने अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों और विदेशी मुद्रा विनिमय दरों के आधार पर की जाती है।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में उतार-चढ़ाव और डॉलर के मुकाबले रुपए की कमजोरी, दोनों ही कारण ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी को प्रभावित करते हैं। हाल के दिनों में कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी गई है और यह स्थिति आने वाले महीनों तक बनी रह सकती है। इस बढ़ोतरी का असर महंगाई पर भी पड़ सकता है। वाणिज्यिक एलपीजी की कीमत बढ़ने से रेस्टोरेंट और फूड इंडस्ट्री की लागत में इजाफा होगा, जिससे खाने-पीने की वस्तुओं के दाम बढ़ने की आशंका है। वहीं, एटीएफ की बढ़ी कीमतें न सिर्फ हवाई टिकटों को महंगा करेंगी, बल्कि लॉजिस्टिक्स और कार्गो चार्जेज पर भी असर डालेंगी। हवाई माल ढुलाई महंगी होने से व्यापारिक वस्तुओं और ई-कॉमर्स डिलीवरी की लागत भी बढ़ सकती है।
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सरकार फिलहाल घरेलू रसोई गैस पर सब्सिडी और कीमतों को स्थिर रखने की कोशिश कर रही है ताकि आम जनता पर सीधा बोझ न पड़े। लेकिन वाणिज्यिक और औद्योगिक स्तर पर इस तरह की बढ़ोतरी से कंपनियों को अपने उत्पादों और सेवाओं के दाम बढ़ाने पड़ सकते हैं। इस प्रकार, यह फैसला न सिर्फ उद्योग जगत बल्कि आम उपभोक्ताओं की जेब को भी अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेगा। कुल मिलाकर वाणिज्यिक एलपीजी और एटीएफ की कीमतों में यह बढ़ोतरी अर्थव्यवस्था के कई क्षेत्रों पर असर डालने वाली है। होटल और रेस्तरां से लेकर एयरलाइंस और व्यापारिक परिवहन तक, सबको अपनी लागत बढ़ने का सामना करना पड़ेगा और अंततः इसका बोझ उपभोक्ताओं तक पहुंचने की संभावना है।