Mithilesh Yadav
11 Oct 2025
जबलपुर। कोल्ड्रिफ कफ सिरप से छिंदवाड़ा और बैतूल में 24 बच्चों की मौत के बाद अब जबलपुर में प्रशासनिक कार्रवाई तेज हो गई है। शनिवार को भी खाद्य एवं औषधि विभाग (FDA) की टीम ने कटारिया फार्मास्युटिकल के ऑफिस और गोदाम में लगातार जांच जारी रखी। पता चला है कि फर्म ने गोदाम में दवाओं का स्टॉक रखने की अनुमति नहीं ली थी, जिसके चलते दोनों स्थानों को सील कर नोटिस जारी किया गया है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कटारिया फार्मास्युटिकल से कोल्ड्रिफ कफ सिरप के 26 सैंपल जांच के लिए भेजे गए थे। इनमें डाईएथिलीन ग्लायकॉल (DEG) नामक जहरीला केमिकल पाया गया, जो बच्चों की मौत की मुख्य वजह माना जा रहा है। इस खुलासे के बाद विभाग ने कंपनी से जुड़े सभी दस्तावेज, बिल और सेल-परचेज रिकॉर्ड खंगालने शुरू कर दिए हैं।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि फर्म ने दवाओं का स्टॉक गोदाम में बिना रेफ्रिजरेटर के रखा था। कई दवाएं ऐसी होती हैं जिन्हें निर्धारित तापमान पर रखना जरूरी होता है, वरना उनकी रासायनिक संरचना खराब होकर जानलेवा हो सकती है। यह गंभीर लापरवाही मानी जा रही है, क्योंकि इससे दवाओं की क्वालिटी पर सीधा असर पड़ता है।
शुक्रवार को विभाग ने जब ऑफिस और गोदाम का निरीक्षण किया, तो फर्म संचालक दुकान के लाइसेंस तो पेश कर पाए, लेकिन गोदाम से जुड़े दस्तावेज और स्टॉक रजिस्टर नहीं दिखा सके। शनिवार को भी रिकॉर्ड मांगा गया, परंतु फर्म मालिक सेल-परचेज का पूरा ब्यौरा नहीं दे पाए। अब विभाग ने दवाओं का कस्टडी ऑर्डर लेकर कोर्ट से जांच की अनुमति प्राप्त कर ली है।
खाद्य एवं औषधि विभाग ने कटारिया फार्मास्युटिकल को नोटिस जारी कर एक दिन के भीतर जवाब मांगा है। संतोषजनक जवाब न मिलने पर मामला औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 के तहत कोर्ट में पेश किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि फर्म ने न केवल लाइसेंसिंग शर्तों का उल्लंघन किया, बल्कि ऐसी दवा की सप्लाई की, जो मानक गुणवत्ता से नीचे थी और जिससे बच्चों की मौतें हुईं।
जांच में सामने आया है कि महाकौशल क्षेत्र में कोल्ड्रिफ सिरप का इकलौता डीलर कटारिया फार्मास्युटिकल ही है। यहीं से पूरे क्षेत्र के मेडिकल स्टोर्स यह दवा खरीदते थे। अब विभाग पूरे नेटवर्क की सप्लाई चेन और फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन की जांच में जुट गया है।
बता दें कि यह सिरप तमिलनाडु की श्रीसन फार्मास्युटिकल्स कंपनी द्वारा बनाया गया था। अब तक इस सिरप के कारण छिंदवाड़ा और बैतूल में 24 बच्चों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जबलपुर से भेजे गए सैंपलों में भी डाईएथिलीन ग्लायकॉल की मौजूदगी मिली है। यह वही केमिकल है, जो पहले भी कई देशों में सिरप से हुई बच्चों की मौतों की वजह बन चुका है।
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक, कटारिया फार्मास्युटिकल की भूमिका गंभीर है। यह जांच का विषय है कि उन्होंने बिना अनुमति के गोदाम कैसे संचालित किया और दूषित दवाओं की बिक्री क्यों की। अधिकारियों ने यह भी कहा कि जांच के बाद संबंधित कंपनी और डिस्ट्रीब्यूटर दोनों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।