Shivani Gupta
25 Oct 2025
Shivani Gupta
24 Oct 2025
Mithilesh Yadav
24 Oct 2025
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोयला लेवी घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोप में रायपुर सेंट्रल जेल में बंद कारोबारी सूर्यकांत तिवारी को अब दूसरे जेल में शिफ्ट नहीं किया जाएगा। रायपुर की एसीबी-ईओडब्ल्यू स्पेशल कोर्ट ने जेल प्रशासन की उस अर्जी को खारिज कर दिया, जिसमें सूर्यकांत के व्यवहार को अनुशासनहीन बताते हुए उसे अन्य जेल में स्थानांतरित करने की मांग की गई थी।
20 जुलाई को जेल प्रशासन की एक टीम ने सूर्यकांत तिवारी के बैरक की नियमित जांच की थी, लेकिन आरोप है कि सूर्यकांत ने जांच में सहयोग करने से मना कर दिया और अधिकारियों के साथ दुर्व्यवहार किया। इस घटना के बाद जेल प्रशासन ने कोर्ट में आवेदन देकर उसे किसी अन्य जेल में भेजे जाने की मांग की थी। हालांकि, बुधवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद यह अर्जी खारिज कर दी।
सूर्यकांत तिवारी को छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित कोल लेवी घोटाले का मास्टरमाइंड माना जाता है। ईडी की जांच में खुलासा हुआ था कि 570 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध उगाही को अंजाम देने के लिए एक संगठित नेटवर्क चलाया गया। आरोप है कि कोयले के परिचालन, परमिट की अदला-बदली और पीट पास जारी करने के नाम पर 25 रुपए प्रति टन की दर से वसूली की जाती थी। यह रकम सीधे सूर्यकांत तिवारी के नेटवर्क तक पहुंचती थी।
इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिपोर्ट के आधार पर एसीबी और ईओडब्ल्यू ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 36 लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की है, जिसमें दो पूर्व मंत्री, विधायक, पूर्व विधायक, निलंबित IAS अधिकारी और व्यापारी शामिल हैं।
इस घोटाले में शामिल कई प्रमुख आरोपी - सौम्या चौरसिया, समीर विश्नोई और रानू साहू को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, लेकिन मास्टरमाइंड सूर्यकांत तिवारी अभी भी रायपुर सेंट्रल जेल में बंद है और जांच का मुख्य केंद्र बना हुआ है।
अब जबकि कोर्ट ने जेल शिफ्टिंग की अर्जी को खारिज कर दिया है, सूर्यकांत तिवारी पर निगरानी और जांच की प्रक्रिया रायपुर जेल में ही जारी रहेगी। एसीबी और ईओडब्ल्यू की टीमें सभी नामजद आरोपियों से पूछताछ और सबूतों की पुष्टि के लिए तेजी से कार्यवाही कर रही हैं।