Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
Naresh Bhagoria
4 Dec 2025
इंदौर। ब्राह्मण समाज की बेटियों को लेकर IAS अधिकारी संतोष वर्मा द्वारा की गई विवादित और आपत्तिजनक टिप्पणी अब सीधे अदालत की कठोर निगरानी में पहुँच चुकी है। गुरुवार को जिला कोर्ट, इंदौर में मामले की सुनवाई हुई, जहाँ कोर्ट ने तुकोगंज थाना पुलिस से पूरे प्रकरण की स्टेटस रिपोर्ट मांगी और सख्त सवाल दागे कि शिकायत दर्ज होने के बाद अब तक पुलिस ने आखिर क्या कार्रवाई की है। यह परिवाद एडवोकेट शैलेंद्र द्विवेदी द्वारा 28 नवंबर को दर्ज कराया गया था। द्विवेदी ने परिवाद में बताया कि 25 नवंबर को भोपाल में आयोजित अजाक्स (AJAKS) के प्रांतीय अधिवेशन में संतोष वर्मा ने SC-ST अधिकारी-कर्मचारी संघ के प्रांत अध्यक्ष और एक IAS अधिकारी हैं, मंच से ब्राह्मण समाज की बेटियों पर अशोभनीय, असंवेदनशील और सामाजिक सौहार्द को चोट पहुँचाने वाली टिप्पणी कर दी थी, जिससे पूरे समाज में भारी रोष है।
भेदभावपूर्ण और उत्तेजक शब्दों की उम्मीद नहीं की -
परिवाद पक्ष का आरोप है कि एक ऐसे व्यक्ति से, जो उच्च प्रशासनिक पद पर बैठा है और संविधान व सेवा शपथ की मर्यादाओं से बंधा है, इस तरह के भेदभावपूर्ण और उत्तेजक शब्दों की उम्मीद नहीं की जा सकती। द्विवेदी ने तर्क दिया कि वर्मा का बयान न सिर्फ सामाजिक समरसता को ध्वस्त करता है, बल्कि समाज में आपसी वैमनस्य और तनाव को भी बढ़ाता है। कहा गया कि इस टिप्पणी से विश्वभर के ब्राह्मण समाज में तीव्र आक्रोश फैला है और समाज स्वयं को अपमानित और आहत महसूस कर रहा है। इतने गंभीर आरोपों के बावजूद पुलिस द्वारा कोई ठोस कदम न उठाए जाने पर समाज में असंतोष और गहरा गया।
शिकायतकर्ता पहुंचे कोर्ट -
FIR न होने के कारण शिकायतकर्ता सीधे कोर्ट पहुँचे, क्योंकि तुकोगंज थाना क्षेत्र में दी गई लिखित शिकायत पर भी पुलिस ने FIR दर्ज करने से परहेज़ किया। इस लापरवाही पर कोर्ट ने पुलिस से सख्ती से जवाब मांगा है और स्पष्ट कर दिया कि स्टेटस रिपोर्ट अगली तारीख पर अनिवार्य रूप से पेश की जाए। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी 2026 को होगी, जहाँ पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर अदालत आगामी कार्रवाई तय करेगी। अब पूरा मामला न्यायालय की पैनी नजर में है और IAS संतोष वर्मा की टिप्पणी को लेकर कार्रवाई को लेकर सभी की निगाहें अगली तारीख पर टिक गई हैं।