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Manisha Dhanwani
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Naresh Bhagoria
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में सिविल लाइन स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में आज कैबिनेट की बैठक हुई। बैठक में शासन से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
कैबिनेट ने उन नक्सलियों के मामलों की समीक्षा और वापसी की प्रक्रिया को मंजूरी दी है, जिन्होंने आत्मसमर्पण किया है।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के खिलाफ दर्ज मामलों का परीक्षण करने के लिए मंत्रिपरिषद उप-समिति का गठन होगा। समिति द्वारा परीक्षण के बाद प्रकरण कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किए जाएंगे। यह फैसला छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत पुनर्वास नीति-2025 के अनुरूप है।
प्रकरण वापसी की सिफारिश करने के लिए जिला स्तरीय समिति बनाई जाएगी। यह समिति अपनी रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजेगी। विधि विभाग की राय लेने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट उप-समिति को भेजा जाएगा। उप-समिति की अनुशंसा पर अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद लेगी।
जिन मामलों में केंद्रीय कानून का उल्लंघन शामिल है, उनमें केंद्र सरकार से जरूरी अनुमति ली जाएगी। अन्य मामलों को न्यायालय में लोक अभियोजन अधिकारी के माध्यम से वापस लिया जाएगा।
कैबिनेट ने राज्य के 14 अधिनियमों में बदलाव के लिए छत्तीसगढ़ जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) (द्वितीय) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी।
कई पुराने कानूनों में छोटे उल्लंघनों पर भी जुर्माना या जेल का प्रावधान था, जिससे न्यायिक प्रक्रिया लंबी हो जाती थी। इससे आम नागरिक और व्यवसाय दोनों को परेशानी होती थी। अब इन प्रावधानों को आसान और समयानुकूल बनाया जाएगा ताकि ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ावा मिले।
छोटे उल्लंघनों के लिए अब प्रशासनिक दंड लगाए जाएंगे। इससे मामले जल्दी निपटेंगे और अदालतों का बोझ भी कम होगा। पुराने कानूनों में दंड राशि लंबे समय से नहीं बदली गई थी; नए प्रावधान इस कमी को दूर करेंगे। इससे शासन में पारदर्शिता और सुशासन बढ़ेगा।
छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है जिसने जन विश्वास विधेयक का दूसरा संस्करण पेश किया है।
कैबिनेट ने वर्ष 2025-26 के प्रथम अनुपूरक बजट (Supplementary Budget) को विधानसभा में प्रस्तुत करने के लिए छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक, 2025 को भी मंजूरी दे दी है।