People's Reporter
11 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
Aniruddh Singh
9 Nov 2025
मुंबई। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) लिमिटेड ने लिस्टेड एसएमई कंपनियों के लिए मेनबोर्ड में जाने के पात्रता नियमों को सख्त कर दिया है। अब एसएमई कंपनियों का पिछले तीन वित्त वर्षों में कुल परिचालन लाभ कम से कम 15 करोड़ रुपए होना चाहिए, तभी वे मेनबोर्ड में जा सकती हैं। इसके साथ ही हर वर्ष का न्यूनतम परिचालन मुनाफा 10 करोड़ रुपए होना जरूरी किया गया है। इसके अलावा, न्यूनतम पब्लिक शेयरधारकों की संख्या 250 से बढ़ाकर 1,000 कर दी गई है। पहले के नियमों के अनुसार, एसएमई कंपनियों को माइग्रेशन के लिए पिछले तीन में से कम से कम दो वर्षों में सकारात्मक परिचालन मुनाफा दिखाना पर्याप्त था। अब नए नियमों के तहत मुनाफे की न्यूनतम सीमा और निरंतरता दोनों ही अनिवार्य कर दी गई हैं। बीएसई के अनुसार, यह कदम बाजार की पारदर्शिता, सूचना प्रकटीकरण और लिस्टिंग की गुणवत्ता बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।
बीएसई ने यह भी स्पष्ट किया है कि नए मानक न केवल एसएमई से मेनबोर्ड में जाने वाली कंपनियों पर लागू होंगे, बल्कि अन्य मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड और सीधे बीएसई पर लिस्टिंग चाहने वाली कंपनियों पर भी लागू होंगे। इसका उद्देश्य निवेशकों का विश्वास बढ़ाना, बाजार की साख मजबूत करना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। नए नियमों में मार्केट लिक्विडिटी के लिए भी शर्तें जोड़ी गई हैं। कंपनियों को मेनबोर्ड में माइग्रेशन या डायरेक्ट लिस्टिंग के लिए पिछले छह माह में अपने लिस्टेड इक्विटी शेयरों की कुल भारित औसत संख्या का कम से कम 5 फीसदी ट्रेड होना चाहिए। साथ ही, इस छह माह की अवधि में कम से कम 80 फीसदी कारोबारी दिनों में कंपनी के शेयरों में ट्रेड होना जरूरी है।
ये भी पढ़ें: अमेरिका-चीन ने टैरिफ लागू करने की समयसीमा 90 दिनों के लिए आगे बढ़ाई, भारी शुल्क से मिली राहत
कंपनियों के पास पिछले तीन वित्तीय वर्षों में प्रत्येक वर्ष न्यूनतम 3 करोड़ रुपए के नेट टैन्जिबल एसेट्स होनी चाहिए। साथ ही, पिछले तीन वर्षों का अनुपालन रिकॉर्ड भी सही होना चाहिए, यानी नियमों और विनियमों का पालन लगातार ठीक तरह से किया गया हो। इन सख्त मानकों का मतलब यह है कि अब केवल वे कंपनियां मेनबोर्ड में प्रवेश कर पाएंगी जो वित्तीय रूप से मजबूत, पारदर्शी और निवेशकों के लिए भरोसेमंद हैं। इससे न केवल उच्च गुणवत्ता वाली कंपनियों की लिस्टिंग होगी, बल्कि निवेशकों के लिए जोखिम भी कम होगा। बीएसई का यह कदम भारतीय पूंजी बाजार को और परिपक्व और अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए यह एक प्रेरणा भी है कि वे अपने वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारक आधार और अनुपालन मानकों को मजबूत करें ताकि वे भविष्य में मेनबोर्ड में शामिल हो सकें और बड़े निवेशकों का विश्वास जीत सकें।