Aniruddh Singh
7 Nov 2025
Aniruddh Singh
4 Nov 2025
सिंगापुर। एशियाई शेयर बाजारों में भी शुक्रवार को भारी गिरावट देखने को मिली। इस सप्ताह बाजार में गिरावट का रुख प्रभावी रहा। इसका सबसे बड़ा कारण वैश्विक तकनीकी कंपनियों में अचानक देखने को मिली तेज बिकवाली रही है, जिसने निवेशकों की चिंता को और बढ़ा दिया है। निवेशक पहले से ही ऊंचे वैल्यूएशन की स्थिरता पर सवाल उठा रहे थे और अब अमेरिका-चीन संबंधों में बढ़ते तनाव ने माहौल को और गंभीर बना दिया है। इससे जापान और दक्षिण कोरिया के बाजार सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। जापान का निक्केई 225 इंडेक्स 2.3% गिर गया जबकि पूरे सप्ताह में लगभग 5% की गिरावट की ओर बढ़ रहा है। तकनीकी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों में यह गिरावट सबसे अधिक दिखी सॉफ्टबैंक के शेयर 9% टूट गए, जबकि चिप निर्माता एडवांटेस्ट के शेयर 7% से अधिक गिर गए।
यही स्थिति दक्षिण कोरिया में भी रही, जहां कोस्पी इंडेक्स लगभग 3% फिसल गया। सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स और एसके हाइनिक्स जैसे बड़े चिप निर्माताओं के शेयर भी लगातार गिरावट में रहे। सेमीकंडक्टर और एआई सेक्टर में पिछले महीनों में बड़ी तेजी दिखी थी, लेकिन अब निवेशकों को डर है कि कहीं यह तेजी अवास्तविक तो नहीं थी। अमेरिकी निवेश बैंकों और शीर्ष वित्तीय अधिकारियों ने हाल ही में चेतावनी दी थी कि शेयर बाजार में करेक्शन यानी तेज़ गिरावट का जोखिम बना हुआ है। इस तरह की चेतावनियों ने बाज़ार में बुलबुले की आशंका को और बढ़ा दिया है। ऑस्ट्रेलिया का एसएंडपी/एएसएक्स 200 इंडेक्स भी 0.6% गिरा और पूरे सप्ताह में 1% से अधिक की गिरावट की ओर बढ़ रहा है।
भारत का निफ्टी 50 इंडेक्स भी बाजार खुलते ही 1% से अधिक गिर गया। सिंगापुर का स्ट्रेट्स टाइम्स इंडेक्स लगभग स्थिर रहा, लेकिन समग्र एशियाई माहौल कमजोर बना रहा। इस पूरी स्थिति में चीन के अक्टूबर महीने के व्यापार आंकड़ों पर भी नजर बनी हुई थी, लेकिन वे उम्मीदों के मुताबिक मजबूत नहीं रहे, जिससे बाजार की धारणा और कमजोर हो गई। इसी बीच वॉल स्ट्रीट में भी भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसने एशियाई बाजारों पर अतिरिक्त दबाव डाल दिया। कुल मिलाकर, इस सप्ताह एशियाई बाजार कई मोर्चों पर दबाव में रहे। तकनीकी शेयरों की भारी बिकवाली, वैल्यूएशन को लेकर चिंता, वैश्विक आर्थिक तनाव और अमेरिका-चीन संबंधों में खटास ने मिलकर निवेशक भावना को काफी कमजोर कर दिया है।