Aakash Waghmare
26 Dec 2025
Manisha Dhanwani
25 Dec 2025
भिलाई। छत्तीसगढ़ के भिलाई में चल रही बागेश्वर धाम पीठाधीश पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा अब धार्मिक कार्यक्रम से आगे बढ़कर सियासी विवाद का रूप ले चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं। विवाद की वजह बाबा का बयान, पत्रकारों पर टिप्पणी, सरकारी विमान का इस्तेमाल और एक पुलिसकर्मी का वीडियो बना है।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था। इसके जवाब में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि, अगर हिंदू समाज को जोड़ना अंधविश्वास है, तो ऐसे लोगों को देश छोड़ देना चाहिए। इसी बयान के बाद सियासी टकराव तेज हो गया।
भूपेश बघेल ने धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा का एजेंट बताते हुए कहा कि, वे छत्तीसगढ़ में धार्मिक आयोजनों की आड़ में पैसा बटोरने आते हैं और व्यवहार में भाजपा के लिए काम करते हैं। उन्होंने कहा कि, जब धीरेंद्र शास्त्री पैदा भी नहीं हुए थे, तब से मैं हनुमान चालीसा पढ़ रहा हूं। वह कल का बच्चा है और हमें सनातन धर्म सिखाने चला है। बघेल ने यह भी कहा कि, छत्तीसगढ़ की धरती कबीर साहेब और गुरु घासीदास की विचारधारा से जुड़ी है और यहां किसी बाहरी व्यक्ति से धर्म सीखने की जरूरत नहीं है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भूपेश बघेल के बयान को सनातन का अपमान बताया। सीएम ने कहा कि, भारत ऋषि-मुनियों का देश रहा है। यदि पं. धीरेंद्र शास्त्री को भाजपा का एजेंट कहा जा रहा है, तो यह सनातन और बागेश्वर धाम का अपमान है। इसका फैसला जनता करेगी।
इस बीच धीरेंद्र शास्त्री का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें वे पत्रकारों से कहते दिखे कि, जिस पत्रकार को खुजली हो, वह सवाल पूछ सकता है। कांग्रेस ने इसे पत्रकारों का अपमान बताया और कहा कि यह सत्ता के संरक्षण में पनप रहा घमंड है।
कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पत्रकार खुद नहीं आए थे, बल्कि भाजपा नेताओं ने उन्हें बुलाया था, फिर अपमान क्यों किया गया। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि, सनातन धर्म में किसी के लिए अपमानजनक भाषा की कोई जगह नहीं है और धीरेंद्र शास्त्री को पत्रकारों से माफी मांगनी चाहिए।
धीरेंद्र शास्त्री के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर सबसे बड़ा सवाल सरकारी विमान के इस्तेमाल पर उठा है। जानकारी के मुताबिक, वे छत्तीसगढ़ सरकार के शासकीय विमान से रायपुर पहुंचे और फिर भिलाई गए। सोशल मीडिया पर इसे सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग का मामला बताया जा रहा है।
कांग्रेस ने कहा कि, धीरेंद्र शास्त्री किसी संवैधानिक पद पर नहीं हैं, ऐसे में निजी धार्मिक कार्यक्रम के लिए सरकारी विमान का इस्तेमाल नियमों के खिलाफ है। इसे जनता के पैसे की बर्बादी बताया गया।
विवाद तब और बढ़ गया जब एक वीडियो सामने आया, जिसमें एक पुलिसकर्मी जूते-टोपी उतारकर बाबा के पैर छूता नजर आया। इस पर पुलिस की गरिमा और सेवा नियमों को लेकर सवाल उठे।
वहीं रायपुर SSP डॉ. लाल उमेद सिंह ने कहा कि, पुलिसकर्मी पूरी वर्दी में नहीं था। उसने कैप और जूते उतारे हुए थे। प्रारंभिक जांच में नियमों के उल्लंघन का कोई तथ्य सामने नहीं आया है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, कांग्रेस कभी हिंदू धर्म प्रचारकों को बर्दाश्त नहीं कर पाती। उन्होंने कहा कि, सनातन धर्म की बात आते ही कांग्रेस विरोध में खड़ी हो जाती है।
भिलाई के जयंती स्टेडियम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हनुमंत कथा 25 दिसंबर से चल रही है, जो 29 दिसंबर तक चलेगी। कथा में भाजपा के कई बड़े नेता शामिल हो चुके हैं, जिससे इसे लेकर सियासी चर्चा और तेज हो गई है।
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