Aniruddh Singh
7 Oct 2025
नई दिल्ली। एशियाई शेयर बाजारों में मंगलवार को मजबूती देखने को मिली है। जापान का निक्केई इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस बढ़त के पीछे मुख्य कारण अमेरिका और चीन के बीच टैरिफ युद्धविराम को 90 दिनों के लिए बढ़ाना रहा है, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट मजबूत हुआ है। इस घटनाक्रम ने दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच संभावित व्यापार तनाव को फिलहाल टाल दिया है। निवेशकों का ध्यान अब अमेरिकी महंगाई (सीपीआई) के आंकड़ों पर है, जो भविष्य में अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व की नीतिगत ब्याज दर की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाएंगे। ऑस्ट्रेलिया का एएसएक्स सूचकांक भी हल्की बढ़त के साथ नए उच्च स्तर पर पहुंच गया है, हालांकि ऑस्ट्रेलियाई डॉलर में थोड़ी अस्थिरता रही। यह उतार-चढ़ाव रिजर्व बैंक ऑफ ऑस्ट्रेलिया (आरबीए) के फैसले के बाद आया, जिसमें उसने अपनी नीतिगत ब्याज दर को 0.25 प्रतिशत घटाकर दो साल के निचले स्तर 3.60% पर ला दिया है। बैंक ने आगे और ब्याज दर कटौती के बारे में सावधानी बरतने का संकेत दिया है, जिससे यह साफ है कि मौद्रिक नीति में और ढील फिलहाल सीमित हो सकती है।
अमेरिका-चीन के बीच टैरिफ युद्धविराम बढ़ाए जाने से क्षेत्र में सकारात्मक माहौल बना, क्योंकि इससे चीनी निर्यात पर अमेरिका की ओर से संभावित तीन अंकों वाले (100% से अधिक) शुल्क को टाल दिया गया। इसी तरह यूरोपीय बाजारों में भी शुरुआती संकेत सकारात्मक रहे और यूरोपीय फ्यूचर्स ऊंचे खुलने की संभावना दिखा रहे थे, जबकि नैस्डैक फ्यूचर्स में 0.15% की बढ़त थी। एशिया में जापान का निक्केई सूचकांक तेज़ी से बढ़ते हुए सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुंचा, जिसमें टेक कंपनियों के शेयरों में जोरदार खरीदारी देखने को मिली। इसका कारण अमेरिका के साथ व्यापार को लेकर नए सिरे से आशावाद का पैदा होना रहा है। चीन के ब्लू-चिप शेयर 0.5% ऊपर रहे, जबकि हांगकांग का हैंगसेंग सूचकांक लगभग स्थिर रहा। जापान को छोड़कर एशिया-प्रशांत के सबसे व्यापक एमएससीआई इंडेक्स में भी हल्की बढ़त दर्ज की गई। गौरतलब है कि अमेरिका और चीन पूरे साल एक-दूसरे के खिलाफ टैरिफ बढ़ाने की नीति अपनाते रहे हैं। इस दौरान मई से जेनेवा, लंदन और स्टॉकहोम में कई दौर की वार्ताएं हुईं, जिनका उद्देश्य तीन अंकों वाले भारी-भरकम टैरिफ को कम करना रहा।
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हालांकि इस बार का टैरिफ युद्धविराम विस्तार निवेशकों की अपेक्षाओं में पहले से शामिल था, इसलिए बाजार की प्रतिक्रिया अपेक्षाकृत सीमित रही। लूसर्न एसेट मैनेजमेंट के निवेश प्रमुख मार्क वेलन ने कहा कि यह विस्तार निवेशकों को इस सप्ताह के अन्य प्रमुख घटनाक्रमों पर ध्यान केंद्रित करने का मौका देता है, जिनमें अमेरिकी महंगाई के आंकड़े और जून 2021 के बाद पहली बार होने वाला अमेरिका-रूस शिखर सम्मेलन शामिल है। अमेरिकी उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़े भी आज मंगलवार को ही जारी होने हैं। एक समाचार एजेंसी के सर्वेक्षण के अनुसार जुलाई में कोर सीपीआई में मासिक आधार पर 0.3% की वृद्धि होने की संभावना है, जो पिछले महीने के 0.2% से तेज होगी। यह वृद्धि दर्शाती है कि कीमतों का दबाव थोड़ा बढ़ा है, जिससे फेडरल रिजर्व के लिए मौद्रिक नीति में संतुलन साधना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। हालांकि ऑकलैंड स्थित इलेक्ट्रस फाइनेंशियल के निदेशक माइक हुलाहन का मानना है कि फेड सितंबर में ब्याज दर घटा सकता है, जिसका एक कारण राजनीतिक दबाव और दूसरा कारण श्रम बाजार के आंकड़ों में नरमी है। कुल मिलाकर, अमेरिका-चीन के बीच 90 दिन का अतिरिक्त युद्धविराम न केवल व्यापार जगत के लिए राहत की खबर है, बल्कि इससे एशियाई बाजारों को भी सहारा मिला है। इससे क्रिसमस सीजन और वर्ष के अंत के त्योहारों के दौरान आयात पर बढ़ते शुल्क का खतरा टल गया है।