Shivani Gupta
25 Oct 2025
Shivani Gupta
24 Oct 2025
Mithilesh Yadav
24 Oct 2025
कांकेर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के तहत कांकेर जिले के अंतागढ़ क्षेत्र में एक बार फिर बड़ी सफलता मिली है। यहां कुल 21 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के पास कुल 18 हथियार थे। इनमें 3 एके-47 राइफल, 4 एसएलआर राइफल, 2 इंसास राइफल, 6 .303 राइफल, 2 सिंगल शॉट राइफल और 1 बीजीएल हथियार शामिल था।
आत्मसमर्पण करने वालों में 4 डिवीजन वाइज कमेटी मेम्बर (DVCM), 9 एरिया कमेटी मेम्बर (ACM) और 8 अन्य पार्टी सदस्य शामिल थे। इसके अलावा, इन 21 नक्सलियों में 13 महिलाएं और 8 पुरुष कैडर थे। इस समूह में डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं।
ये सभी नक्सली लंबे समय से अंतागढ़ इलाके में सक्रिय थे और अब उन्होंने समाज के मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है। वे सुबह बर्रेबेड़ा गांव से आत्मसमर्पण करने के लिए निकले, जहां पुलिस की टीम पहले से मौजूद थी। इन 21 नक्सलियों ने पूना मार्गम पहल के तहत आत्मसमर्पण किया और ये सभी केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो) के कुएमारी या किसकोडो एरिया कमेटी से जुड़े थे। इससे पहले कामतेड़ा कैंप में 50 नक्सलियों ने भी आत्मसमर्पण किया था। कांकेर पुलिस नक्सलियों को मुख्यधारा में लाने की प्रक्रिया पर तेजी से काम कर रही है।
आत्मसमर्पण के दौरान नक्सलियों ने कुल 18 हथियार पुलिस को सौंपे। इस समूह के हथियारों में एके-47, एसएलआर, इंसास, .303, सिंगल शॉट और बीजीएल शामिल थे। ये 21 नक्सली अपने साथ 3 AK-47, 4 SLR, 2 इंसास, 6 नग 303 , 2 नग सिंगल शॉट और 1 BGL लॉन्चर साथ लाए हैं।
छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य क्षेत्र में इससे पहले भी 208 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था, जिनमें 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल थे। सरेंडर करने वालों को संविधान की कॉपी और गुलाब का फूल देकर सम्मानित किया गया।
इन नक्सलियों के आत्मसमर्पण के बाद अब अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी बस्तर में लाल आतंक का काफी हद तक अंत हो गया है और अब केवल दक्षिणी बस्तर क्षेत्र नक्सलियों के प्रभाव में शेष है। आत्मसमर्पण करने वाले सभी नक्सलियों को अब सरकार की पुनर्वास योजना का लाभ मिलेगा। इससे उन्हें रोजगार और समाज में सामान्य जीवन जीने के अवसर मिलेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने रविवार को एक्स पर पोस्ट कर लिखा- “पूना मारगेम” से जनविरोधी माओवादी विचारधारा का खात्मा, बस्तर में हो रही शांति की स्थापना। आज कांकेर जिले में “पूना मारगेम - पुनर्वास से पुनर्जीवन” पहल के तहत 21 नक्सलियों ने हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण किया है। यह हमारी "आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति - 2025" और "नियद नेल्ला नार योजना" की सफलता का सार्थक प्रमाण है, जिससे नक्सल प्रभावित इलाकों में विश्वास और बदलाव की नई बयार बह रही है।
पिछले आत्मसमर्पणों और हाल की कार्रवाई के दौरान कुल 153 हथियार अधिकारियों को सौंपे गए। इनमें 19 एके-47 राइफल, 17 एसएलआर राइफल, 23 इंसास राइफल, 1 इंसास एलएमजी, 36 .303 राइफल, 4 कार्बाइन, 11 बीजीएल लॉन्चर, 41 बारह बोर/सिंगल शॉट गन और 1 पिस्तौल शामिल है। इस बड़ी कार्रवाई के बाद छत्तीसगढ़ पुलिस और सुरक्षा बलों की नक्सल विरोधी रणनीति में सफलता का संदेश मिला है। लगातार आत्मसमर्पण से यह संकेत मिलता है कि प्रदेश के कई इलाके अब मुख्यधारा की तरफ लौट रहे हैं।