Shivani Gupta
10 Sep 2025
Mithilesh Yadav
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9 Sep 2025
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के धुरीपारा में दो महीने की एक नवजात बच्ची की टीका लगवाने के बाद तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई। घटना के बाद परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाते हुए आंगनबाड़ी केंद्र और कलेक्ट्रेट में जमकर हंगामा किया। इस दौरान उन्होंने 6 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की।
जानकारी के मुताबिक, धुरीपारा निवासी रामेश्वर मरावी की पत्नी ईश्वरी मरावी अपनी 2 महीने की बच्ची को मंगलवार दोपहर टीकाकरण के लिए आंगनबाड़ी केंद्र ले गई थीं। वहां मौजूद एएनएम विभा खरे ने नवजात को एक साथ चार टीके लगा दिए। टीकाकरण के बाद महिला बच्ची को लेकर घर लौट आई, लेकिन शाम से सुबह तक बच्ची रोती रही और दर्द में तड़पती रही। अगली दोपहर करीब 12 बजे बच्ची की मौत हो गई।
बच्ची की मौत की खबर फैलते ही मोहल्ले के लोग घर पर जमा हो गए। गुस्साए परिजन बच्ची के शव को लेकर आंगनबाड़ी केंद्र पहुंचे और विरोध-प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान स्वास्थ्य विभाग का कोई अधिकारी मौके पर नहीं आया और एएनएम ने भी फोन नहीं उठा, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क गया।
स्वास्थ्य विभाग की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई तो गुस्साए परिजन और दर्जनों महिलाएं ट्रैक्टर-ट्रॉली से कलेक्टर कार्यालय पहुंचीं। ट्रैक्टर को कलेक्टर कार्यालय परिसर में घुसाने की कोशिश की गई, जिसे पुलिस ने रोका और चालक को जमकर फटकार लगाई। कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर लोगों ने हंगामा करते हुए 6 लाख रुपए मुआवजे की मांग की।
वहीं, सूचना मिलने पर तहसीलदार गरिमा सिंह मौके पर पहुंचीं और समझाइश दी। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया।
घटना के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के किसी अधिकारी ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि विभाग की लापरवाही से एक मासूम की जान चली गई।