Manisha Dhanwani
19 Oct 2025
वॉशिंगटन डीसी। अमेरिका के अलग-अलग शहरों में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। इस प्रदर्शन को 'No Kings' नाम दिया गया है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि, ट्रंप के शासन में देश तेजी से तानाशाही की ओर बढ़ रहा है। देशभर में 2600 से ज्यादा जगहों पर ‘नो किंग्स’ रैलियां आयोजित की गईं। इससे पहले जून में हुए पहले ‘नो किंग्स’ प्रदर्शन के दौरान लगभग 2100 जगह रैलियां निकाली गई थीं।
न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर, बोस्टन, अटलांटा और शिकागो के पार्कों में लोगों की भारी भीड़ जुटी। वॉशिंगटन, लॉस एंजिल्स और कई रिपब्लिकन शासित राज्यों में भी लोग सड़कों पर उतरे। कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को और लॉस एंजिल्स में हजारों लोग रैलियों में शामिल हुए। पोर्टलैंड, ओरेगन में एक प्रदर्शनकारी ने चमकीले गुलाबी और नीले रंग का एनीमल कॉस्ट्यूम पहनकर रैली में भाग लिया। टेक्सास के ऑस्टिन में लोगों ने टेक्सास कैपिटल से मार्च निकाले।
लंदन स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर भी सैकड़ों लोग जमा हुए। स्पेन के मैड्रिड और बार्सिलोना में भी प्रदर्शन हुए। अमेरिका के बड़े शहरों, उपनगरों और छोटे कस्बों में हजारों लोगों ने रैलियों में भाग लिया। वॉशिंगटन डीसी में प्रदर्शनकारियों ने पेंसिल्वेनिया एवेन्यू पर मार्च किया।
ट्रंप प्रशासन की तानाशाही प्रवृत्तियों, माइग्रेशन, एजुकेशन और सिक्योरिटी पॉलिसियों के खिलाफ प्रदर्शनकारी विरोध कर रहे हैं। इंडिविजिबल संगठन की सह-संस्थापक लिया ग्रीनबर्ग ने कहा, शांति से विरोध जताना और यह कहना कि हमारे पास कोई राजा नहीं है, यही अमेरिकी लोकतंत्र की पहचान है। ह्यूस्टन में अमेरिकी मरीन के पूर्व सैनिक डैनियल गेमेज ने कहा कि, वह देश की वर्तमान स्थिति को समझ नहीं पा रहे।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि, वे मुझे राजा कह रहे हैं, लेकिन मैं कोई राजा नहीं हूं। बाद में उनकी सोशल मीडिया टीम ने एक वीडियो जारी किया, जिसमें ट्रंप को राजा के रूप में दिखाया गया। ट्रंप के कार्यकाल में यह तीसरा बड़ा विरोध प्रदर्शन है। फिलहाल अमेरिका में सरकारी शटडाउन भी जारी है।
इस आंदोलन में 300 से अधिक स्थानीय और राष्ट्रीय संगठन शामिल रहे। अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने प्रदर्शनकारियों को कानूनी और तनाव कम करने वाले प्रशिक्षण दिए। इस प्रदर्शन का सीनेटर बर्नी सैंडर्स, डेमोक्रेटिक सांसद एलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज और पूर्व विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने समर्थन किया। इस अभियान में कई जानी-मानी हस्तियों ने भी भाग लिया।
हाउस स्पीकर माइक जॉनसन ने प्रदर्शनकारियों पर ‘अमेरिका-विरोधी रैली’ आयोजित करने का आरोप लगाया। कुछ नेताओं ने चेतावनी दी कि, ऐसे आंदोलन हिंसा भड़का सकते हैं। उन्होंने सितंबर में ट्रंप समर्थक चार्ली कर्क की हत्या का हवाला दिया।