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क्वालालंपुर। अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से चल रहे व्यापारिक तनाव में अब एक नरमी देखने को मिल रही है। मलेशिया की राजधानी कुआलालंपुर में दो दिन की वार्ता के बाद अमेरिका और चीन ने एक अहम रूपरेखा पर सहमति जताई है। इस समझौते को अमेरिकी वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट ने संतुलित व्यापारिक संबंधों की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। स्कॉट बेसेंट ने बताया यह समझौता अगले दिनों में दक्षिण कोरिया में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करेगा। उन्होंने कहा, दोनों शीर्ष नेताओं की बैठक में इस समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। स्कॉट बेसेंट ने कहा हम अब 100% टैरिफ की उम्मीद नहीं कर रहे हैं और चीन भी अपने दुर्लभ धातु निर्यात नियंत्रण को स्थगित करने पर राजी हो गया है। उन्होंने कहा कि इस रूपरेखा में चार मुख्य बिंदु शामिल हैं-टैरिफ, दुर्लभ धातुएं, सोयाबीन व्यापार मादक पदार्थों पर नियंत्रण।
दरअसल, यह समझौता उस समय सामने आया है, जब नवंबर की शुरूआत से अमेरिका द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर 100% टैरिफ लगाने की योजना थी। साथ ही, चीन ने उन दुर्लभ धातुओं के निर्यात को सीमित करने का संकेत दिया था जो इलेक्ट्रॉनिक चिप, ईवी और रक्षा उपकरणों के उत्पादन में जरूरी होती हैं। इन नियंत्रणों से वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर बड़ा संकट आने की आशंका थी। अब यदि इन निर्यात प्रतिबंधों को टाल दिया जाता है, तो इससे तकनीकी और रक्षा उद्योगों में स्थिरता लौट सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस नई रूपरेखा में कुछ अहम बिंदुओं पर सहमति बनी है-पहला, अमेरिका द्वारा 100% टैरिफ लगाने की योजना को रोकना, दूसरा, चीन द्वारा दुर्लभ धातुओं पर लगाए जाने वाले निर्यात प्रतिबंधों को स्थगित, तीसरा अमेरिकी कृषि निर्यात, खासकर सोयाबीन, पर फिर से बातचीत शुरू करना और चौथा, फेंटानिल जैसे मादक पदार्थों की तस्करी पर मिलकर कार्रवाई करना।
यह समझौता दोनों देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों की मुलाकात के बाद हो सका, जिनमें चीन के उप प्रधानमंत्री हे लीफेंग और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रियर शामिल थे। चीन के प्रतिनिधि ली चेंगगांग ने पुष्टि की कि दोनों देशों ने मौजूदा व्यापार युद्धविराम को बढ़ाने और निर्यात नियंत्रण व मादक पदार्थ रोकथाम पर सहयोग की प्रारंभिक सहमति बना ली है। कुआलालंपुर में हुई यह बैठक आसियान सम्मेलन के दौरान हुई, जिसे मई 2025 के बाद से अमेरिका-चीन संबंधों में आई सबसे बड़ी सहजता माना जा रहा है। मई में हुए व्यापार युद्धविराम की अवधि 10 नवंबर को खत्म होने वाली थी, जिससे वैश्विक बाजारों में फिर से टकराव की आशंका बढ़ गई थी। अब इस नई रूपरेखा के कारण उस संकट को टालने की उम्मीद बढ़ी है। बेसेंट ने कहा यह बहुत सफल रूपरेखा है और अब इस पर अंतिम निर्णय डोनाल्ड ट्रंप और शी जिनपिंग की बैठक में होगा।