Manisha Dhanwani
19 Sep 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान को दी जाने वाली 40 करोड़ डॉलर (करीब 3,340 करोड़ रुपए) की सैन्य सहायता रोक दी है। इस पैकेज में गोला-बारूद और आधुनिक ड्रोन शामिल थे। वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने इस मदद को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है और लगातार सैन्य दबाव बना रहा है। चीनी युद्धपोत और विमान ताइवान के आस-पास के समुद्र और हवाई क्षेत्र में रोज गश्त कर रहे हैं।
ताइवान लंबे समय से अमेरिकी सैन्य सहयोग पर निर्भर रहा है। वहीं, ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते ने हाल ही में रक्षा बजट बढ़ाने और ड्रोन-जहाज खरीदने का ऐलान किया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप का मानना है कि सहयोगी देशों को अपनी सुरक्षा पर खुद खर्च करना चाहिए। उनकी नीति है कि ताइवान को अमेरिकी हथियार खरीदने चाहिए, न कि उन्हें मुफ्त में दिए जाएं। यह फैसला उनकी ‘लेन-देन वाली विदेश नीति’ को दर्शाता है।
अमेरिका और चीन के बीच इस समय बड़ा व्यापार समझौता करने की बातचीत चल रही है। ट्रंप ने चीन पर टैरिफ लगाया था, जिसके जवाब में चीन ने भी अमेरिकी सामान पर टैरिफ बढ़ा दिए।
जल्द ही ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच बातचीत होने वाली है। इसमें टिक-टॉक पर पाबंदी और दुर्लभ खनिजों की आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी। ऐसे माहौल में ताइवान की मदद रोकने का ट्रंप का फैसला चीन को खुश करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।