Mithilesh Yadav
13 Oct 2025
भोपाल। पूरे भारत देश में करीब 1 लाख से अधिक ऐसे स्कूल है, जहां केवल 1 शिक्षक है। इन स्कूलों में 3 लाख से अधिक बच्चें पढ़ रहे है। मतलब, 1 स्कूल में 34 छात्र- छात्राएं है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आंध्र प्रदेश में ऐसे स्कूलों की संख्या और उत्तर प्रदेश में ऐसे छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का शैक्षणिक वर्ष 2024-25 का डेटा बताता है, कि 2022 में एक शिक्षक वाले स्कूल 1,18,190 तो 2023 में 1,10,971 थे। यह संख्या साल-दर-साल घट रही है, लेकिन शिक्षक-छात्र का अनुपात अभी भी है। प्रति स्कूल औसत छात्र नामांकन के मामले में चंडीगढ़ और दिल्ली सबसे आगे हैं। यहां प्रत्येक स्कूल में औसतन 1222 और 808 छात्र-छात्राएं हैं। जबकि लद्दाख में यह 59, मिजोरम में 70, मेघालय में 73 तो हिमाचल में 82 ही है।
मध्यप्रदेश में करीब 7,000 स्कूल ऐसे हैं, जहां सिर्फ एक ही शिक्षक के भरोसे पढ़ाई हो रही है। इस स्थिति को लेकर प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता पी.सी. शर्मा ने मध्यप्रदेश सरकार पर गंभीर सवाल उठाए हैं। शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक और शर्मनाक है। उन्होंने आरोप लगाया कि 'राज्य की भाजपा सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है।' उनका कहना है, 'कि जब पूरे देश में लगभग 1 लाख स्कूलों में एक ही शिक्षक है। तब अकेले मध्य प्रदेश में 7 हजार ऐसे स्कूल होना दर्शाता है, कि सरकार बच्चों की शिक्षा के प्रति कितनी लापरवाह है।
कांग्रेस नेता पी.सी. शर्मा ने कहा कि शिक्षक भर्ती प्रक्रिया सालों से अधर में लटकी हुई है। हजारों योग्य अभ्यर्थी जो शिक्षक बनने का सपना देखते थे, अब ओवरएज होकर हताश और बेरोजगार बैठे हैं। अतिथि शिक्षकों के भरोसे शिक्षा व्यवस्था, वेतन भी समय पर नहीं। उन्होंने कहा कि, 'फिलहाल राज्य में पूरी शिक्षा व्यवस्था अतिथि शिक्षकों के सहारे चल रही है। लेकिन उन्हें भी समय पर वेतन नहीं मिलता, जिससे उनकी स्थिति और भी दयनीय हो जाती है। यह सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि शिक्षा के प्रति सरकार की सोची-समझी बेरुखी है। जब शिक्षक ही नहीं होंगे तो 'शिक्षित मध्य प्रदेश' का सपना कैसे साकार होगा?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शैक्षणिक सत्र 2024-25 में भारत में शिक्षकों की कुल संख्या बढ़कर 1 करोड़ 1 लाख 22 हजार 420 हो गई है। पिछले सत्र 2023-24 में यह आंकड़ा 98.83 लाख था। इसमें से करीब 51% यानी 51.47 लाख शिक्षक सरकारी स्कूलों में कार्यरत हैं। पिछले एक दशक में महिला शिक्षकों की संख्या में तेज इज़ाफा देखा गया है। 2014-15 में देश में जहां पुरुष शिक्षक 45.46 लाख और महिला शिक्षक 40.16 लाख थीं। वहीं, 2024-25 तक यह संख्या 46.41 लाख पुरुष और 54.81 लाख महिलाएं हो गई है। इस दौरान महिला शिक्षकों की संख्या में लगभग 8% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी प्रमुख वजह नई भर्तियों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी रही है। 2014 से अब तक हुई 51.36 लाख शिक्षक भर्तियों में से 61% पदों पर महिलाओं की नियुक्ति हुई है, जो शिक्षा क्षेत्र में महिला सशक्तिकरण का मजबूत संकेत देती है।