Aniruddh Singh
11 Sep 2025
Aniruddh Singh
11 Sep 2025
मुंबई। टाटा मोटर्स ने यूरोप के कमर्शियल व्हीकल बाजार में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए एक बड़ा रणनीतिक कदम उठाया है। कंपनी ने इटली की प्रसिद्ध कमर्शियल व्हीकल निर्माता कंपनी आईवेको ग्रुप के अधिग्रहण के लिए 4.5 बिलियन डॉलर (लगभग 37,000 करोड़ रुपए) का ब्रिज लोन जुटाने की योजना बनाई है। यह लोन टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के समर्थन के साथ लिया जा रहा है।
यह एशिया में इस साल की सबसे बड़ी लोन डील्स होगी। यह ब्रिज लोन 12 माह की अवधि के लिए होगी और इसे मॉर्गन स्टैनली, मॉर्गन स्टैनली सीनियर फंडिंग और मित्सुबिशी यूएफजे फाइनेंशियल ग्रुप (एमयूएफजी) जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों द्वारा अंडरराइट किया गया है। इस पर ब्याज की दर यूरिबोर (यूरो इंटरबैंक आॅफर रेट) से 102.5 बेसिस पॉइंट अधिक होगी।
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इस तरह का ब्रिज लोन आमतौर पर किसी बड़ी डील के लिए तुरंत धन उपलब्ध कराने के लिए लिया जाता है और बाद में इसे इक्विटी और लंबी अवधि के कर्ज से चुकाया जाता है। टाटा मोटर्स इसे अगले 12 से 18 महीनों में रीफाइनेंस करने की योजना बना रही है। आईवेको ग्रुप, जिसका मुख्यालय इटली के ट्यूरिन शहर में है, ने जुलाई के अंत में अपने बिजनेस को दो हिस्सों में बांटने का ऐलान किया था।
इस योजना के तहत कंपनी का डिफेंस यूनिट लियोनार्डो एसपीए को बेचा जाएगा और बाकी का कमर्शियल व्हीकल बिजनेस टाटा मोटर्स को। पूरी डील का मूल्य लगभग 5.5 बिलियन यूरो है, जिसमें टाटा मोटर्स का अधिग्रहण हिस्सा 3.8 बिलियन यूरो का होगा।
यह अधिग्रहण अप्रैल 2026 तक पूरा होने की संभावना है, लेकिन इसके लिए यूरोप और अन्य देशों के नियामक अनुमोदन जरूरी होंगे। यह अधिग्रहण टाटा मोटर्स के लिए रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है। कंपनी ने 2008 में जगुआर लैंड रोवर (जेएलआर) को खरीदकर वैश्विक बाजार में अपनी मजबूत मौजूदगी दर्ज कराई थी। अब आईवेको को खरीदकर टाटा मोटर्स यूरोप के ट्रक और बस बाजार में अपनी उपस्थिति बढ़ाएगी। यूरोप दुनिया के सबसे बड़े कमर्शियल व्हीकल बाजारों में से एक है और यहां टाटा मोटर्स के पास पहले सीमित मौजूदगी थी। इस डील से कंपनी को यूरोप में अपने ब्रांड को मजबूत करने और टेक्नोलॉजी, डिजाइन तथा डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क का लाभ उठाने का मौका मिलेगा।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब एशिया पैसिफिक क्षेत्र में क्रॉस-बॉर्डर मर्जर और एक्विजिशन (एमएंडए) के लिए लोन की मांग तेजी से बढ़ी है। 2025 में जापान को छोड़कर बाकी एशिया में एमएंडए लोन में 70% की वृद्धि हुई है और अब तक 31.3 बिलियन डॉलर के लोन जारी किए जा चुके हैं।
इसमें कई बड़ी डील्स शामिल हैं, जैसे कि चीन की ई-कॉमर्स कंपनी जेडी.कॉम द्वारा जर्मनी के इलेक्ट्रॉनिक्स रिटेलर सेकोनॉमी को खरीदने के लिए 2.2 बिलियन यूरो का लोन। इसी तरह अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) ऑस्ट्रेलिया की फॉसिल फ्यूल कंपनी सैंटोस लिमिटेड को खरीदने के लिए 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा का लोन जुटाने की तैयारी कर रही है।
टाटा मोटर्स के लिए यह अधिग्रहण यूरोपीय बाजार में विस्तार का मौका है। यह कंपनी के वैश्विक पोर्टफोलियो को संतुलित करने का भी माध्यम है। भारत में टाटा मोटर्स की मजबूत पकड़ है, जबकि जगुआर लैंड रोवर के जरिए कंपनी की लग्जरी कार सेगमेंट में वैश्विक उपस्थिति है। अब आईवेको को खरीदने से कंपनी के पास ट्रक, बस और अन्य कमर्शियल व्हीकल्स में यूरोप जैसी परिपक्व अर्थव्यवस्था में प्रवेश का अवसर मिलेगा।
यह अधिग्रहण वैश्विक स्तर पर टाटा समूह की बढ़ती ताकत का संकेत है। टाटा समूह पहले से ही सॉफ्टवेयर, ऑटोमोबाइल, स्टील और केमिकल्स जैसे कई क्षेत्रों में अग्रणी है। आईवेको डील के पूरा होने के बाद टाटा मोटर्स यूरोप में एक बड़ा खिलाड़ी बन सकती है, जिससे उसकी अंतरराष्ट्रीय साख और बाजार हिस्सेदारी दोनों में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।