Aniruddh Singh
29 Oct 2025
Aniruddh Singh
28 Oct 2025
Manisha Dhanwani
28 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों ने 11 सितंबर की दोपहर बाद शानदार पलटी मारी और दिन के निचले स्तर से मजबूती दिखाते हुए हरे निशान में आ गए। सेंसेक्स दिन के निचले स्तर 81,216.91 से 331.82 अंक ऊपर चढ़कर 123.58 अंककी बढ़त के साथ 81,548.73 पर बंद हुआ। जबकि, निफ्टी ने 25,000 का अहम स्तर फिर से पार कर लिया। निफ्टी 32 अंक की मामूली बढ़त के साथ 25,दद5.50 के स्तर पर बंद हुआ। इस तेजी के पीछे घरेलू और वैश्विक दोनों तरह के संकेतों ने निवेशकों का मनोबल बढ़ाया। विशेष रूप से भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता को लेकर सकारात्मक उम्मीदें, एशियाई बाजारों का मजबूती दिखाना और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने बाजार को सहारा दिया।
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आज की तेजी में निफ्टी के कुछ बड़े शेयर जैसे श्रीराम फाइनेंस, एनटीपीसी, अदाणी एंटरप्राइजेज, पावर ग्रिड और एक्सिस बैंक ने 3% तक की बढ़त दर्ज की, जिससे इंडेक्स को मजबूती मिली। आज के कारोबार के दौरान भारतीय शेयर बाजार ने दिन के निचले स्तर से दोपहर के बाद शानदार सुधार दिखाया और अंततः हरे निशान में बंद होने में सपल रहा। आज के कारोबार के दौरान दूसरे सत्र में देखने को मिली तेजी के तीन मुख्य कारण माने जा रहे हैं। इनमें पहला कारण है अमेरिकी फेड पर अगले हप्ते ब्याज दर घटाने की बढ़ी उम्मीद, दूसरा कारण है वैश्विक बाजारों की मजबूती और तीसरा कारण तेल की कीमतों में नरमी। इन तीनों वजहों ने मिलकर शुरूआती दबाव से उबरते हुए इस उछाल को गति दी।
पहला कारण अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों से जुड़ा है। अगले हफ्ते होने वाली फेडरल रिजर्व की बैठक में ब्याज दरों में कटौती की संभावना काफी अधिक है। इस उम्मीद ने निवेशकों के सेंटीमेंट को मजबूत किया, क्योंकि कम ब्याज दरें वैश्विक स्तर पर लिक्विडिटी बढ़ाती हैं और इक्विटी बाजारों के लिए सकारात्मक माहौल बनाती हैं। , अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ व्यापार वार्ता को फिर से शुरू करने का संकेत दिया। इससे दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की संभावना बढ़ी है और इसका असर निवेशकों के विश्वास पर पड़ा है।
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दूसरा अहम कारण मजबूत वैश्विक संकेत रहे। एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई, साउथ कोरिया का कोस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट बढ़त के साथ कारोबार करते दिखे। सिर्फ हांगकांग का हैंगसेंग इंडेक्स कमजोर नजर आया। इसके अलावा, अमेरिकी शेयर बाजार भी पिछले दिन मजबूती के साथ बंद हुए थे। इन संकेतों ने घरेलू बाजार को भी सहारा दिया और निवेशकों ने तेजी से खरीदारी की। तीसरा कारक कच्चे तेल की कीमतों से जुड़ा रहा। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड 0.07% गिरकर 67.44 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। भारत जैसे देश के लिए, जो अपनी ऊर्जा जरूरतों का बड़ा हिस्सा आयात करता है, तेल की कीमतों में गिरावट हमेशा सकारात्मक मानी जाती है।
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से आयात बिल कम होता है, चालू खाता घाटा नियंत्रित रहता है और महंगाई पर भी दबाव घटता है। यही वजह है कि कच्चे तेल में गिरावट को बाजार के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा गया। आगे निफ्टी की चाल को लेकर विशेषज्ञों ने कुछ अहम स्तर बताए हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के चीफ मार्केट स्ट्रैटेजिस्ट आनंद जेम्स का कहना है कि यदि निफ्टी 25,012 के ऊपर टिकने में सफल रहता है, तो इसमें आगे 25,400 तक चढ़ने की संभावना है। हालांकि, 25,100 का स्तर तत्काल रेजिस्टेंस की तरह काम कर सकता है।