Aniruddh Singh
7 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत शुक्रवार को कमजोर रही और इस तरह लगातार छह दिन से जारी तेजी को विराम लग गया। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 500 अंकों से अधिक गिर गया, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 171 अंक गिरकर 24,910.20 अंक के स्तर से नीचे चला गया। इस गिरावट का मुख्य कारण निवेशकों की सतर्कता और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल के जैक्सन होल संगोष्ठी में होने वाले संबोधन से जुड़ी अनिश्चितता को माना जा रहा है।
चूंकि वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों और मौद्रिक नीतियों पर फेड का रुख पूरी दुनिया के बाजारों को प्रभावित करता है, इसलिए भारतीय निवेशक भी एहतियात बरतते दिखाई दे रहे हैं। बाजार के रुझान को देखें, तो कुल सोलह सेक्टरों में से तेरह सेक्टर लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। धातु और रियल एस्टेट से जुड़े शेयरों में सबसे अधिक दबाव देखने को मिला। दूसरी ओर मीडिया, फार्मा और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर ने अपेक्षाकृत मजबूती बनाए रखी। इसका अर्थ यह है कि निवेशकों ने उन कंपनियों में पैसा लगाया जिनके उत्पादों और सेवाओं की मांग स्थिर रहती है, जबकि मेटल और रियल्टी जैसे उद्योगों से दूरी बनाई है।
खास शेयरों पर गौर करें तो आईसीआईसीआई बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट जैसे दिग्गज शेयर टॉप लूजर साबित हुए। वहीं दूसरी ओर कुछ शेयरों में अच्छी हलचल देखने को मिली। वोडाफोन आइडिया, आदित्य बिड़ला फैशन एंड रिटेल और जी एंटरटेनमेंट जैसे शेयरों में शुरुआती बढ़त देखने को मिली। जी एंटरटेनमेंट 4% से अधिक चढ़ गया, जबकि आदित्य बिड़ला फैशन ने 5% से ज्यादा की छलांग लगाई। दूसरी ओर यस बैंक, वेदांता, आईडीबीआई बैंक और विप्रो जैसे शेयर लाल निशान में कारोबार करते रहे। गौरतलब है कि जीई पावर इंडिया, केआरबीएल और टेक्नो इलेक्ट्रिक जैसे शेयरों ने भी निवेशकों को अच्छा मुनाफा दिया और टॉप गेनर्स की सूची में शामिल रहे। इसके विपरीत टाइम्सकैन लॉजिस्टिक्स, किओसीएल, रामको सीमेंट्स और सीएसबी बैंक जैसे शेयरों में 2-5% तक की गिरावट आई। यह उतार-चढ़ाव बताता है कि बाजार में निवेशक सेक्टर और कंपनी-विशिष्ट खबरों और परिणामों के आधार पर ही तेजी या मंदी का रुख अख्तियार कर रहे हैं।
बाजार से जुड़ी एक दिलचस्प खबर बीएसई लिमिटेड को लेकर भी आई है। कंपनी के स्वतंत्र निदेशक ने हितों के टकराव की संभावना जताते हुए इस्तीफा दे दिया है, बावजूद इसके कंपनी का शेयर बढ़त में रहा। इसका मतलब यह है कि निवेशकों ने इस खबर को नकारात्मक रूप में नहीं लिया, बल्कि बीएसई के व्यापार और भविष्य की संभावनाओं पर भरोसा जताया। इसी तरह ईटर्नल लिमिटेड के शेयर भी हल्की बढ़त में रहे क्योंकि इसकी मूल कंपनी ने ब्लिंकिट फूड्स नाम से नई सहायक कंपनी शुरू की है। कुल मिलाकर देखा जाए तो शुक्रवार का दिन भारतीय निवेशकों के लिए मिलाजुला रहा है। व्यापक स्तर पर बाजार दबाव में है और सेंसेक्स-निफ्टी ने पिछले कुछ दिनों से जारी तेजी पर विराम लगाते हुए गिरावट दर्ज की है।
शेयर बाजार में शुरुआत सत्र में दबाव के बावजूद चुनिंदा शेयरों ने बढ़त दिखाई और निवेशकों को मुनाफा कमाने का अवसर दिया। आने वाले समय में निवेशकों की निगाहें अमेरिकी फेड की नीतिगत घोषणाओं पर टिकी रहेंगी, क्योंकि ब्याज दरों और वैश्विक तरलता पर उसका सीधा असर भारतीय बाजार पर भी पड़ता है। इसीलिए फिलहाल बाजार में सतर्कता का माहौल है और निवेशक बड़ी पोजिशन लेने से बच रहे हैं। यह गिरावट केवल मुनाफावसूली और वैश्विक अनिश्चितताओं की वजह से है, इसलिए इसे बाजार के दीर्घकालिक रुझान का संकेत नहीं माना जाना चाहिए।