Aniruddh Singh
7 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजार ने आज गुरुवार को सकारात्मक शुरुआत की है। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में बढ़त दर्ज की। सेंसेक्स 10.04 बजे 284 अंकों की बढ़त के साथ 82,142 पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 82 अंकों की तेजी के साथ 25,132 पर हरे निशान में ट्रेड कर रहा है। भारतीय शेयर बाजार लगातार 5वें दिन बढ़त में कारोबार कर रहा है। बाजार की यह मजबूती मुख्य रूप से रिलायंस इंडस्ट्रीज और वित्तीय शेयरों की तेजी से आई है। इसके अलावा, निवेशकों को उम्मीद है कि आने वाले समय में जीएसटी दरों में कटौती हो सकती है, जिससे आम लोगों और कंपनियों दोनों को राहत मिलेगी। इसी आशा ने बाजार की भावना को मजबूत किया है। एक और बड़ा कारण यह है कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ने भारत की रेटिंग को अपग्रेड किया है। यह संकेत है कि भारत की आर्थिक स्थिति मजबूत है और विदेशी निवेशक भारत में अधिक भरोसे के साथ निवेश कर सकते हैं।
यही वजह है कि वित्तीय क्षेत्र से जुड़े शेयरों, खासकर बीमा कंपनियों जैसे एसबीआई लाइफ और बजाज फिनसर्व में 2% तक की बढ़त देखी गई। माना जा रहा है कि बीमा प्रीमियम पर भी जीएसटी में राहत मिल सकती है, जिससे इस सेक्टर के लिए स्थिति और बेहतर होगी। दूसरी ओर, रियल एस्टेट सेक्टर में भी तेजी देखने को मिली। डीएलएफ, गोदरेज प्रॉपर्टीज़ और सोभा जैसी कंपनियों के शेयरों में 1 से 3 प्रतिशत तक उछाल दर्ज हुआ। इसका कारण यह है कि निवेशक अब रियल्टी सेक्टर में मांग और विकास को लेकर आशावादी हो रहे हैं। जब भी आर्थिक सुधार और रेटिंग अपग्रेड जैसे सकारात्मक संकेत आते हैं, तो रियल एस्टेट जैसे सेक्टरों में निवेश बढ़ने लगता है क्योंकि इन्हें भविष्य की विकास संभावनाओं से जोड़ा जाता है।
हालांकि, सभी सेक्टर इस तेजी का हिस्सा नहीं बने। आईटी शेयरों में आज के कारोबार के दौरान दबाव देखने को मिल रहा है। इंफोसिस, टीसीएस और पर्सिस्टेंट सिस्टम्स जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों में हल्की गिरावट है। इसका कारण यह है कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व की सालाना बैठक से पहले निवेशक सतर्क रुख अपना रहे हैं। अगर अमेरिका ब्याज दरों को लेकर कठोर रुख अपनाता है तो आईटी सेक्टर की कंपनियों को नुकसान हो सकता है, क्योंकि उनकी आय का बड़ा हिस्सा विदेशी बाजारों से आता है। इस बीच, कुछ व्यक्तिगत कंपनियों के शेयरों में बड़ी हलचल देखने को मिल रही है। क्लीन साइंस एंड टेक्नोलॉजी के शेयर करीब 9% गिर गए हैं, क्योंकि खबर है कि इसके प्रमोटर्स ने बड़ी हिस्सेदारी बेच दी है। इसी तरह ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 5% गिरे क्योंकि कंपनी में 0.4% इक्विटी का ब्लॉक डील हुआ।
ब्लॉक डील का मतलब होता है कि किसी बड़ी संस्था या निवेशक ने एक साथ बड़ी मात्रा में शेयर खरीदे या बेचे। जब ऐसा होता है तो बाजार इसे अलग तरह से लेता है और कई बार शेयरों की कीमत पर इसका नकारात्मक असर दिखता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो बाजार का रुख अभी सकारात्मक है। सेंसेक्स और निफ्टी की यह बढ़त बताती है कि निवेशक भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर आशावादी हैं। हालांकि, वैश्विक स्तर पर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियां और ब्याज दरों को लेकर होने वाले फैसले भी भारतीय शेयर बाजार पर असर डालेंगे। ऐसे में कहा जा सकता है कि फिलहाल भारत में घरेलू संकेत मजबूत हैं और अगर जीएसटी कटौती और रेटिंग सुधार जैसी घोषणाएं हकीकत में बदलती हैं तो बाजार आने वाले दिनों में और ऊंचाई छू सकता है।