Peoples Reporter
4 Nov 2025
सनातन धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व होता है। लेकिन सावन महीने की शुक्ल पक्ष एकादशी, यानी पुत्रदा एकादशी, को और भी खास माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि संतान प्राप्ति की कामना भी पूरी होती है। यह व्रत विशेष रूप से संतान की चाह रखने वाले दंपतियों के लिए लाभकारी है, लेकिन अन्य श्रद्धालु भी इसे रख सकते हैं।
· एकादशी तिथि शुरू : 4 अगस्त 2025, सुबह 11:41 बजे
· तिथि समाप्त : 5 अगस्त, दोपहर 1:12 बजे
· उदय तिथि के अनुसार व्रत की तिथि : 5 अगस्त 2025, मंगलवार
· सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें।
· घर में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
· दीपक जलाएं, पीले फूल, तुलसी पत्र अर्पित करें।
· व्रत का संकल्प लें और विष्णु सहस्रनाम, श्रीसूक्त या लक्ष्मी अष्टोत्तर का पाठ करें।
· पूरे दिन उपवास रखें और शाम को भगवान को भोग लगाकर आरती करें।
व्रत खोलने का समय : 6 अगस्त 2025, सुबह 5:45 से 8:26 बजे तक
इस दौरान स्नान करके लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें, साथ ही जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या दान दें और फिर व्रत खोलें
जिन दंपतियों को संतान की प्राप्ति की कामना है, उनके लिए यह व्रत अत्यंत फलदायक माना गया है। नवविवाहित जोड़े भी इस व्रत को रख सकते हैं। मान्यता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा से हर श्रद्धालु की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और जीवन में सुख-शांति आती है।
इस बार पुत्रदा एकादशी पर दो शुभ योग बन रहे हैं-
· इंद्र योग : जो बेहद शुभ और लाभकारी होता है।
· भद्रा योग : जो सुबह 11:43 बजे तक स्वर्गलोक में रहेगा और फिर पाताल लोक में चला जाएगा।
मान्यता है कि जब भद्रा स्वर्ग या पाताल में होती है, तब पूजा करने से विशेष फल मिलता है।
· ब्रह्म मुहूर्त - 04:20 AM से 05:02 AM
· प्रातः सन्ध्या - 04:41 AM से 05:45 AM
· अभिजित मुहूर्त - 12:00 PM से 12:54 PM
· विजय मुहूर्त - 02:41 PM से 03:35 PM
· गोधूलि मुहूर्त - 07:09 PM से 07:30 PM
· सायाह्न सन्ध्या - 07:09 PM से 08:13 PM
· रवि योग - 05:45 AM से 11:23 AM
· निशिता मुहूर्त - 12:06 AM, 06 अगस्त से 12:48 AM, 06 अगस्त