धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में महीने में दो बार और साल भर में कुल 24 बार एकादशी व्रत आता है। माना जाता है कि इस व्रत को विधि-विधान से रखने पर भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्त पर कृपा बरसाते हैं, लेकिन कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष में आने वाली रमा एकादशी का व्रत विशेष रूप से पुण्यदायी माना जाता है। इसे रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों की विशेष कृपा मिलती है।
रमा एकादशी शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, इस साल रमा एकादशी 17 अक्टूबर 2025, शुक्रवार को मनाई जाएगी।
- एकादशी तिथि- 16 अक्टूबर सुबह 10:35 से 17 अक्टूबर सुबह 11:12 तक
- व्रत का दिन- 17 अक्टूबर 2025
- पारण का दिन- 18 अक्टूबर 2025, शनिवार
- पारण का शुभ समय- सुबह 6:24 से सुबह 8:41 तक
रमा एकादशी का महत्व
शास्त्रों के अनुसार, रमा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को हजार अश्वमेध यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। यह व्रत जीवन के सभी पापों का नाश करता है और भक्त को भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी की विशेष कृपा दिलाता हैं।
रमा एकादशी व्रत में क्या न करें
रमा एकादशी के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना आवश्यक है। जिसमें भूलकर भी ये काम न करें-
- चावल का सेवन न करें- व्रत वाले दिन चावल का सेवन वर्जित है।
- तामसिक चीजें न खाएं- मांस, मदिरा आदि का सेवन व्रत में पूरी तरह से बंद करें।
- कुछ विशेष खाने से बचें- मसूर की दाल, चने, कोंदो और नमक आदि न लें।
- भोजन केवल एक बार करें- दिन में दो बार भोजन न करें।
- ब्रह्मचर्य का पालन करें- व्रत के दिन संयमित जीवनशैली अपनाएं।
- नेगेटव चीजें न करें- क्रोध, चुगली, ईर्ष्या और झूठ बोलना वर्जित है।
रमा एकादशी व्रत में क्या करें
रमा एकादशी का व्रत सभी पापों को दूर करने और पुण्य प्राप्त करने वाला माना जाता है। इस दिन कुछ खास कार्य करें-
- भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
- मंत्रों का जप करे- सुख, समृद्धि और आर्थिक समस्याओं से मुक्ति के लिए विष्णु मंत्र या श्री विष्णु सहस्त्रनाम का जाप लाभकारी है।
- भोग लगाएं- पूजा में पीले रंग की मिठाई, फल और तुलसी दल का भोग अवश्य दें।
- पारण करें- व्रत बगैर पारण के अधूरा माना जाता है। अगले दिन शुभ मुहूर्त में विधि-विधान से पारण करें।