Garima Vishwakarma
27 Nov 2025
हनुमान चालीसा करोड़ों हिंदुओं का बहुत पसंद किया जाने वाला भजन है। यह भजन सिर्फ भक्ति का प्रतीक नहीं है, बल्कि हर हिंदू के दिल में खास जगह रखता है। हाल ही में 14 साल पुरानी ‘हनुमान चालीसा’ ने यूट्यूब पर 5 बिलियन व्यूज का बड़ा रिकॉर्ड बना लिया है। यह उपलब्धि न केवल भारत के लिए गर्व की बात है बल्कि यह दुनिया भर में हनुमान चालीसा की बढ़ती श्रद्धा और लोकप्रियता को भी दिखाती है।
हाल ही में जारी किए गए यूट्यूब व्यूअरशिप डेटा के अनुसार, 14 साल पहले अपलोड किया गया ‘श्री हनुमान चालीसा’ 5 अरब व्यूज पार करने वाला पहला भारतीय वीडियो बन गया है। टी-सीरीज के संस्थापक दिवंगत गुलशन कुमार द्वारा अभिनीत यह वीडियो 10 मई 2011 को यूट्यूब पर डाला गया था। हरिहरन की आवाज और ललित सेन के संगीत से सजे इस भजन को अब तक 5,006,713,956 से ज्यादा बार देखा जा चुका है। यह न सिर्फ भारत का बल्कि दुनिया के सबसे ज्यादा देखे जाने वाले वीडियो में शामिल हो चुका है।
रिकॉर्ड बनाने के बाद टी-सीरीज़ के एमडी भूषण कुमार ने अपने दर्शकों का आभार जताया। उन्होंने कहा कि ‘हनुमान चालीसा’ करोड़ों लोगों के दिल में एक खास जगह रखता है। उन्होंने यह भी बताया कि उनके पिता गुलशन कुमार ने आध्यात्मिक संगीत को घर-घर तक पहुँचाने के लिए अपना जीवन समर्पित किया था, और आज यह उपलब्धि उनकी सोच का बड़ा प्रमाण है। भूषण कुमार के अनुसार, 5 अरब व्यूज़ पार करना सिर्फ डिजिटल उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीयों की अटूट भक्ति का प्रतीक है।
दिलचस्प बात यह है कि भारत का कोई भी वीडियो अभी तक ‘श्री हनुमान चालीसा’ के करीब भी नहीं पहुँच पाया है। इसके बाद सबसे अधिक देखा जाने वाला भारतीय वीडियो पंजाबी गाना ‘लहंगा’ है, जिसे 1.8 बिलियन व्यूज मिले हैं। वहीं हरियाणवी गीत ‘52 गज का दामन’ और तमिल गीत ‘राउडी बेबी’ को 1.7 बिलियन व्यूज मिले हैं। इसके अलावा ‘जरूरी था’, ‘वास्ते’, ‘लौंग लाची’, ‘लुट गए’, ‘दिलबर’ और ‘बम बम बोले’ भी भारत के सबसे ज्यादा देखे गए वीडियो में शामिल हैं।
जारी किए गए ग्लोबल डेटा के अनुसार, दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला वीडियो ‘बेबी शार्क डांस’ है, जिसे 16.38 बिलियन बार देखा गया है। इसके बाद ‘डेस्पासिटो’, ‘व्हील्स ऑन द बस’, ‘बाथ सॉन्ग’ और ‘जॉनी जॉनी यस पापा’ जैसे वीडियो शामिल हैं। इसी सूची में अब ‘हनुमान चालीसा’ भी शामिल हो गया है, जिसने 5 बिलियन व्यूज का आंकड़ा पार करते हुए एक दुर्लभ वैश्विक श्रेणी में अपनी जगह बना ली है।