Garima Vishwakarma
30 Nov 2025
धर्म डेस्क। मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू धर्म में अत्यंत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बढ़ती है। आर्थिक संकट और मानसिक तनाव दूर होता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष पूर्णिमा 4 दिसंबर 2025 को मनाई जाएगी।
बता दें कि, मार्गशीर्ष पूर्णिमा की शुरुआत 4 दिसंबर सुबह 08:37 बजे होगी और यह अगले दिन 5 दिसंबर सुबह 04:43 बजे तक रहेगी। शास्त्रों के अनुसार पूजा, व्रत और स्नान-दान के लिए 4 दिसंबर का दिन सबसे शुभ माना गया है। इस दिन चंद्रोदय शाम 04:19 बजे होगा। इसलिए चंद्रदेव को अर्घ्य देने का विशेष महत्व रहेगा। इस पूर्णिमा पर रवि योग का संयोग भी बनेगा जो इसे और अधिक शुभ बनाता है।

ब्रह्म मुहूर्त - 04:42 ए एम से 05:35 ए एम
प्रातः सन्ध्या - 05:09 ए एम से 06:29 ए एम
अभिजित मुहूर्त - 11:27 ए एम से 12:09 पी एम
विजय मुहूर्त - 01:35 पी एम से 02:17 पी एम
गोधूलि मुहूर्त - 05:05 पी एम से 05:32 पी एम
सायाह्न सन्ध्या - 05:08 पी एम से 06:28 पी एम
अमृत काल - 12:48 पी एम से 02:12 पी एम
निशिता मुहूर्त - 11:22 पी एम से 12:15 ए एम, दिसम्बर 05
विशेष योग
रवि योग - 06:29 ए एम से 02:54 पी एम
शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन पवित्र नदी में स्नान, दान और पूजा-पाठ करने से धन, स्वास्थ्य और सौभाग्य में वृद्धि होती है। इस दिन श्रद्धा से सत्यनारायण कथा सुनने पर घर में शांति और समृद्धि आती है।
इसके साथ ही घर के मुख्य द्वार पर हल्दी से स्वास्तिक या ऊँ बनाएं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती। पूजा के समय कलावे की बाती से दीपक जलाकर माता लक्ष्मी की आरती करना भी शुभ फल देता है। अंत में जरूरतमंदों को कंबल, गुड़, तिल, भोजन या अपनी क्षमता अनुसार धन का दान अवश्य करें, क्योंकि इस दिन किया गया दान कई गुना फल लौटाता है।