Shivani Gupta
24 Sep 2025
नई दिल्ली। NCERT ने अपने नए पाठ्यक्रम में बड़ा बदलाव किया है। अब कक्षा 6 से 8वीं तक की साइंस की किताबों में आयुर्वेदिक सिद्धांतों को शामिल किया गया है। ताकि बच्चों को शरीर, मन और प्रकृति के संतुलन की समझ दी जा सके। वहीं, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP 2020) के तहत अब कक्षा 3 से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (CT) की पढ़ाई शुरू होगी, ताकि बच्चे भविष्य की तकनीकी दुनिया के लिए तैयार हो सकें।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत अब कक्षा 3 से ही बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (CT) पढ़ाई जाएगी। इसका उद्देश्य है बच्चों में डिजिटल सोच विकसित करना और उन्हें भविष्य की तकनीक के लिए तैयार करना।
कक्षा 6 की साइंस बुक में आयुर्वेद के अनुसार पदार्थों के वर्गीकरण का जिक्र है। यह “अष्टांग हृदय सूत्र स्थान” जैसे प्राचीन ग्रंथों के सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें आयुर्वेद के 20 विरोधी गुणों (जैसे, गर्म-ठंडा, हल्का-भारी, आदि) के बारे में सीखेंगे। इससे छात्रों में स्वास्थ्य, पोषण और प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य है।
कक्षा 8 के छात्रों को साइंस के सिलेबस में मौजूद आयुर्वेद से शरीर, मन और पर्यावरण का संतुलन अध्याय के माध्यम से दिनचर्या (स्वस्थ दैनिक आदतें), ऋतुचर्या (मौसमी खानपान की आदतें) और संतुलित जीवन शैली के बारे में पढ़ाया जाएगा। छात्रों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और मानसिक सजगता अपनाने के लिए भी प्रेरित किया गया है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि बदलाव तभी सफल होगा जब शिक्षक तैयार होंगे। इसलिए शिक्षकों की क्षमता बढ़ाने और प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ‘निष्ठा’ जैसे कार्यक्रमों के जरिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। एनसीईआरटी इसके लिए वीडियो लेसन और हैंडबुक्स तैयार करेगा।
एआई और कंप्यूटर थिंकिंग के लिए सीबीएसई ने एक विशेषज्ञ समिति बनाई है। इसकी अध्यक्षता आईआईटी मद्रास के प्रोफेसर कार्तिक रमन करेंगे। यह समिति यह सुनिश्चित करेगी कि स्कूलों में नया टेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम सही और सरल तरीके से लागू हो।
NCERT के निदेशक ने कहा कि इन बदलावों का मकसद है‘समग्र शिक्षा’ (Holistic Education) को बढ़ावा देना है जहां छात्र केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, तकनीक और सोच के हर पहलू में आगे बढ़ें।