Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
ये भी पढ़ें: हरे निशान में हुई शेयर बाजार की शुरुआत, सेंसेक्स 66.73 अंक ऊपर, निफ्टी में 11.70 अंक की बढ़त
मुंबई। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने इस शनिवार को एक विशेष मॉक ट्रेडिंग सेशन आयोजित करने की घोषणा की है। इक्विटी, डेरिवेटिव्स, करेंसी और कमोडिटी समेत सभी प्रमुख सेगमेंट में ट्रेडिंग सेसन आयोजित किया जाएगा। मॉक ट्रेडिंग का उद्देश्य है कि ब्रोकर और अन्य बाजार भागीदार अपने सिस्टम को परख सकें और सुनिश्चित कर सकें कि आने वाले दिनों में जब अनिवार्य सॉफ्टवेयर माइग्रेशन होगा, तो उसमें कोई दिक़्क़त न आए। एनएसई ने स्पष्ट किया है कि सभी प्रतिभागियों को 6 सितंबर से पहले अपने सिस्टम को नए वर्जन नीट+ 7.8.3 में अपग्रेड करना होगा, क्योंकि पुराना वर्जन 7.8.2 बंद कर दिया जाएगा। यह अभ्यास 30 अगस्त को होगा। इसमें सुबह 9 बजे प्री-मार्केट सेशन शुरू होगा और 9:15 से 10:10 बजे तक ट्रेडिंग की जाएगी। इसके बाद दोपहर 1:30 बजे से 2:00 बजे तक फिर से लॉग-इन विंडो उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि प्रतिभागी अपने कनेक्शन और सिस्टम की स्थिरता की जांच कर सकें।
ये भी पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने एच-1बी वीजा पर सख्त किया रुख, बड़े पैमाने पर प्रभावित होंगे भारतीय पेशेवर
एनएसई ने साफ किया है कि इस मॉक ट्रेडिंग सेशन के दौरान किसी तरह की असली फंड मूवमेंट यानी पैसे का लेन-देन नहीं होगा। न ही इस दौरान कोई नया सॉफ्टवेयर अपडेट जारी किया जाएगा। इसका मकसद केवल सिस्टम और बैकअप प्रक्रियाओं की जांच करना है। बता दें कि मॉक ट्रेडिंग सेशन असल में बाज़ार की तैयारी का एक हिस्सा होते हैं। इन्हें आमतौर पर शनिवार को रखा जाता है ताकि सामान्य कारोबारी दिनों में व्यवधान न हो। इन सेशनों में ब्रोकर अपने ऑर्डर मैनेजमेंट सिस्टम की जांच करते हैं, नई तकनीकी सुविधाओं को टेस्ट करते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि किसी भी सॉफ़्टवेयर बदलाव या अपडेट से वास्तविक ट्रेडिंग में कोई गड़बड़ी न आए। इसमें दिखने वाली कीमतें और सौदे केवल अभ्यास का हिस्सा होते हैं, वे असली बाजार गतिविधि को प्रतिबिंबित नहीं करते। इस बार का सेशन इसलिए और भी अहम है क्योंकि एनएसई अपने ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म को अपग्रेड कर रहा है। नया वर्ज़न यानी नीट+ 7.8.3 बेहतर स्थिरता और तेज प्रोसेसिंग के लिए लाया गया है। यदि समय पर सभी प्रतिभागी इस पर नहीं आए, तो 6 सितंबर के बाद उन्हें वास्तविक बाजार में काम करने में मुश्किल आ सकती है।
इस वजह से एक्सचेंज ने ब्रोकरों और अन्य प्रतिभागियों से कहा है कि वे इसे समय रहते अपग्रेड कर लें। इस प्रकार की कवायद से निवेशकों का विश्वास भी मजबूत होता है। अगर समय रहते संभावित तकनीकी खामियों की पहचान हो जाए, तो बड़े व्यवधानों से बचा जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी ब्रोकर का सिस्टम अचानक लाइव बाज़ार में फेल हो जाए, तो इससे निवेशकों को नुकसान हो सकता है। लेकिन मॉक सेशन में ऐसी गड़बड़ियों को पहले ही पहचानकर सुधारा जा सकता है। यही वजह है कि एनएसई ऐसे सेशन को बाज़ार की मजबूती और निवेशकों की सुरक्षा के लिहाज़ से बेहद महत्वपूर्ण मानता है। कुल मिलाकर, एनएसई का यह कदम बाजार की पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाने की दिशा में है। तकनीकी बदलावों को लागू करने से पहले जब सभी प्रतिभागी अपने सिस्टम की जांच कर लेते हैं, तो निवेशक निश्चिंत होकर कारोबार कर सकते हैं। इससे भारतीय पूंजी बाजार की प्रतिष्ठा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और मजबूत होती है।