
मऊ। उत्तर प्रदेश की मऊ सदर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक अब्बास अंसारी को हेट स्पीच मामले में कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (गैंगस्टर/एमपी-एमएलए कोर्ट) राजीव कुमार वत्स ने शनिवार को उनकी सजा के खिलाफ दायर अपील को खारिज कर दिया। इसका मतलब है कि अब्बास अंसारी को मिली दो साल की सजा अभी भी प्रभावी रहेगी। हालांकि, अदालत ने उन्हें जमानत की मंजूरी दे दी है लेकिन दोष सिद्ध को बरकरार रखा गया है।
अब हाईकोर्ट में देंगे चुनौती
अब्बास अंसारी अब इस फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील करेंगे। यदि उच्च न्यायालय से भी राहत नहीं मिलती, तो उनकी राजनीतिक गतिविधियों पर गहरा असर पड़ सकता है।
क्या था मामला
मामला वर्ष 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान का है। 3 मार्च 2022 को मऊ के पहाड़पुर मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए अब्बास अंसारी ने कथित रूप से भड़काऊ भाषण दिया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि सरकार बनने के बाद छह महीने तक कोई तबादला नहीं होगा और अधिकारियों से हिसाब लिया जाएगा। चुनाव आयोग ने इस बयान को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई के निर्देश दिए थे।
CJM कोर्ट ने 31 मई को सुनाई थी सजा
इस मामले में मऊ कोतवाली में सब-इंस्पेक्टर गंगाराम बिंद की शिकायत पर अब्बास अंसारी, उनके भाई उमर अंसारी और 150 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। 31 मई को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (CJM) कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी करार देते हुए दो साल की सजा और 11,000 रुपए जुर्माना सुनाया था। उमर अंसारी को इस मामले में बरी कर दिया गया।
विधायकी पहले ही हो चुकी है रद्द
चूंकि सजा दो साल से अधिक की है, इसलिए अब्बास अंसारी की मऊ सदर विधानसभा सीट से सदस्यता 1 जून 2025 को ही रद्द कर दी गई थी।