Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
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20 Oct 2025
Aniruddh Singh
20 Oct 2025
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20 Oct 2025
मुंबई। भारतीय शेयर बाजारों की शुरुआत आज कमजोरी में हो सकती है। गिफ्ट निफ्टी पर दबाव है, वहीं एशियाई बाजारों में भी नरमी का रुख है। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की ओर से कैश और वायदा दोनों सेगमेंट में बड़े पैमाने पर बिकवाली की है, जिससे बाजार का मूड और बिगड़ गया है। लॉन्ग-शॉर्ट रेश्यो फिर से 8% के स्तर पर आ गया है, जो बताता है कि विदेशी निवेशकों का भरोसा फिलहाल कमजोर है। अमेरिकी बाजारों से भी खराब संकेत मिले हैं। कल डाओ जोंस 250 अंक गिरकर बंद हुआ, जबकि नैस्डैक 175 अंक नीचे रहा। अमेरिकी बाजारों की यह गिरावट भारतीय निवेशकों की धारणा पर नकारात्मक असर डाल सकती है। इसके साथ ही राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर भारत को लेकर आलोचनात्मक बयान दिया है, जिससे वैश्विक स्तर पर भारत से जुड़े निवेशकों में सतर्कता का भाव पैदा हुआ है।
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घरेलू स्तर पर भी कई कारणों से बाजार दबाव में दिख रहा है। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) की एक्सपायरी और जीएसटी काउंसिल की बैठक से पहले निवेशकों ने सतर्क रुख अपनाया है। शुरुआती बढ़त मजबूत आर्थिक आंकड़ों की वजह से जरूर मिली थी, लेकिन फिर हमने देखा कि प्राफिट बुकिंगहावी हो गई और सेंसेक्स-निफ्टी गिरावट की ओर फिसल गए। बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा बिकवाली देखने को मिली। दूसरी ओर, सरकार द्वारा इथेनॉल मानदंडों में ढील देने से चीनी शेयरों में तेजी देखने को मिली। एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनियों को अमेरिकी नरम टिप्पणियों का फायदा मिला और इनमें भी खरीदारी देखी गई।
टेक्निकल चार्ट्स की बात करें तो वे भी कमजोरी की ओर इशारा कर रहे हैं। निफ्टी को 21 ईएमए पर रेजिस्टेंस मिला, जिससे इंट्राडे में तेज गिरावट आई। जब तक निफ्टी 24,850 के स्तर के ऊपर नहीं निकलता, तब तक बाजार पर बिकवाली का दबाव बना रह सकता है। नीचे की ओर 24,500 पर मजबूत सपोर्ट माना जा रहा है, जबकि ऊपर की ओर 24,700 और 24,850 पर रेजिस्टेंस है। डेली आरएसआई 50 से नीचे फिसल गया है और बियरिश क्रॉसओवर दिखा रहा है, इसका मतलब है कि अल्पावधि में बाजार का रुझान कमजोर रह सकता है।
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हालांकि, कुछ सेक्टरों में मजबूती भी देखने को मिली है। एफएमसीजी सेक्टर 1% से ज्यादा चढ़ा है और विशेषज्ञों का कहना है कि जीएसटी सुधारों से इस सेक्टर को फायदा मिलेगा। घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) की ओर से अगस्त माह में 95,000 करोड़ रुपए की बड़ी खरीदारी देखने को मिली। इससे बाजार को कुछ सहारा मिल सकता है। इसके अलावा पीएम नरेंद्र मोदी की जापान-चीन यात्रा से सप्लाई चेन और पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जो निवेशकों के सेंटीमेंट को लंबे समय में सकारात्मक कर सकता है।
कुल मिलाकर, बाजार पर इस समय वैश्विक अनिश्चितता, अमेरिकी गिरावट और एफआईआई की लगातार बिकवाली का दबाव हावी है। शॉर्ट टर्म के लिए निवेशक घरेलू खपत से जुड़े शेयरों पर फोकस कर रहे हैं, क्योंकि इनमें स्थिरता की संभावना ज्यादा दिख रही है। लेकिन बाजार विशेषज्ञों का मानना है ि टेक्निकल संकेत कमजोर होने और अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रमों से नकारात्मक असर के चलते भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत आज कमजोर देखने को मिल सकती है और उतार-चढ़ाव का दौर जारी भी रह सकता है।