Priyanshi Soni
5 Nov 2025
Manisha Dhanwani
5 Nov 2025
Priyanshi Soni
4 Nov 2025
तेहरान/तेल अवीव। ईरान और इजराइल के बीच छिड़ी जंग आज आठवें दिन में प्रवेश कर चुकी है। दोनों देशों के बीच अब तक का सबसे बड़ा टकराव देखा जा रहा है। जहां एक ओर इजराइल ने ईरान के परमाणु ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, वहीं दूसरी ओर ईरान ने इजराइल के कई शहरों पर मिसाइल हमले किए हैं। इस युद्ध में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है और हजारों घायल हो चुके हैं। साथ ही दुनिया भर के देश युद्ध रोकने के प्रयास में जुट गए हैं।
गुरुवार देर रात इजराइल ने ईरान के तीन अहम न्यूक्लियर रिएक्टरों – खोंडब, अराक और नतांज – पर जबरदस्त एयर स्ट्राइक की। ये तीनों ही ठिकाने ईरान के परमाणु कार्यक्रम की रीढ़ माने जाते हैं। इजराइली फाइटर जेट्स ने हमले से कुछ घंटे पहले इन इलाकों को खाली करने की चेतावनी दी थी। हमलों में ईरान के कई वैज्ञानिकों और सीनियर मिलिट्री अफसरों के मारे जाने की खबर है।
इजराइल के हमलों के जवाब में ईरान ने शुक्रवार सुबह इजराइल के चार शहरों पर मिसाइलें दागीं। इनमें एक मेडिकल बिल्डिंग और स्टॉक एक्सचेंज की इमारतें प्रभावित हुई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक 200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। इजराइल ने अपने एयर डिफेंस सिस्टम को एक्टिव कर दिया है और आम नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है।

वॉशिंगटन स्थित ह्यूमन राइट्स ग्रुप के अनुसार अब तक ईरान में 639 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें 263 आम नागरिक हैं। वहीं, 1300 से ज्यादा घायल हैं। इजराइल में अब तक 24 लोगों की जान जा चुकी है और 600 से ज्यादा लोग घायल हैं। इजराइल की सेना का दावा है कि ईरान अब तक 450 मिसाइलें और 1000 से ज्यादा ड्रोन दाग चुका है।
इजराइल ने 13 जून से ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया है, जिसमें 200 फाइटर जेट्स ने ईरान के सैन्य और परमाणु ठिकानों पर हमले किए हैं। इसके जवाब में ईरान ने ‘टू प्रॉमिस थ्री’ नाम का ऑपरेशन लॉन्च किया और सैकड़ों मिसाइलें इजराइल पर दागीं। दोनों पक्षों के ऑपरेशन में भारी जान-माल का नुकसान हुआ है।
फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन सहित यूरोपीय संघ ने युद्ध रोकने के लिए ईरानी प्रतिनिधियों से बातचीत शुरू की है। इन देशों का मानना है कि अगर जल्द हालात काबू में नहीं आए, तो अमेरिका और इजराइल का मिलकर ईरान पर हमला संभावित है। इस आशंका के चलते दुनिया के कई देशों में तनाव बढ़ गया है।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वे दो हफ्तों में फैसला करेंगे कि अमेरिका इस संघर्ष में शामिल होगा या नहीं। हालांकि, पहले ऐसा माना जा रहा था कि अमेरिका इस हफ्ते ही युद्ध में कूद सकता है। ट्रंप के बयान के बाद अब इजराइल को अकेले लड़ाई लड़नी पड़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि नाटो और G7 देशों का समर्थन न मिल पाने की वजह से ट्रंप ने कदम पीछे खींचा है।
ईरान में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंधु’ शुरू किया है। गुरुवार को ईरान के कोम से करीब 600 छात्रों को मशहद ले जाया गया, जिनमें 500 छात्र जम्मू-कश्मीर से हैं। इन छात्रों को शुक्रवार को दिल्ली लाया जाएगा। इन छात्रों ने ईरान की मेडिकल और टेक्निकल यूनिवर्सिटीज़ में दाखिला लिया था।
ईरान ने माजिद खादामी को अपना नया खुफिया विभाग प्रमुख बनाया है। वे मोहम्मद काजमी की जगह लेंगे, जो हाल ही में इजराइल के हमले में मारे गए थे। इसके अलावा, दो अन्य IRGC अधिकारी भी मारे गए थे। इससे साफ है कि अब ईरान ने भी अपने रक्षा तंत्र में बदलाव लाना शुरू कर दिया है।