Aakash Waghmare
4 Nov 2025
Peoples Reporter
3 Nov 2025
लंदन। भारत और इंग्लैंड के बीच लॉर्ड्स में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच के दूसरे दिन एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया। भारतीय कप्तान शुभमन गिल और तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज मैच के दौरान अंपायर सैकत शरफुद्दौला से बुरी तरह उलझ गए। विवाद की जड़ बनी ड्यूक्स ब्रांड की गेंद, जिसे लेकर सीरीज की शुरुआत से ही सवाल उठते रहे हैं।
शुक्रवार 11 जुलाई को इंग्लैंड की पारी के 91वें ओवर में मोहम्मद सिराज ने गेंद के आकार को लेकर अंपायर से शिकायत की। अंपायर ने ‘रिंग टेस्ट’ के जरिए गेंद की स्थिति जांची और पाया कि उसका शेप बिगड़ चुका है। ऐसे में गेंद को बदलने का फैसला लिया गया। इसके बाद अंपायर ने एक बॉक्स में से नई गेंद चुनकर भारतीय टीम को सौंप दी।
जैसे ही गेंद भारतीय टीम को सौंपी गई, कप्तान शुभमन गिल ने गुस्से में आकर अंपायर से बहस शुरू कर दी। गिल का तर्क था कि जो गेंद उन्हें दी जा रही है वह बिल्कुल भी 10-11 ओवर पुरानी नहीं लग रही। नियमों के अनुसार, जब भी गेंद बदली जाती है तो उसे पुरानी गेंद की स्थिति के अनुरूप होना चाहिए। गिल ने अंपायर से गुस्से में गेंद छीन ली और तीखी बातचीत की। वहीं सिराज और आकाश दीप ने भी इस नई गेंद पर सवाल उठाए।
अंपायर शरफुद्दौला ने गिल की आपत्ति को खारिज कर दिया और गेंदबाजों को खेल शुरू करने का निर्देश दिया। सिराज स्टंप माइक पर कहते सुने गए, “ये 10 ओवर पुरानी गेंद है? सच में?” इसके बाद 99वें ओवर में भारतीय खिलाड़ियों के लगातार आग्रह पर अंपायर ने दोबारा गेंद बदलने का फैसला किया।
कॉमेंट्री बॉक्स में बैठे पूर्व भारतीय कप्तान सुनील गावस्कर ने इस घटना पर हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि जो गेंद भारतीय टीम को दी गई वह ज्यादा पुरानी लग रही थी और उसमें वैसी चमक नहीं थी जैसी होनी चाहिए थी। गावस्कर ने कहा कि यह 20 ओवर पुरानी गेंद लग रही थी। वहीं चेतेश्वर पुजारा ने भी इस बात पर ध्यान दिलाया कि नई गेंद के बाद भारतीय गेंदबाजों को स्विंग नहीं मिल रही थी।
इंग्लैंड की पहली पारी में जो रूट ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपने करियर का 37वां टेस्ट शतक लगाया। इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया था। वहीं दूसरी ओर, भारत ने दूसरे दिन की शुरुआत शानदार की और जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड को पहले ही आधे घंटे में तीन झटके दे दिए।
इस सीरीज में इस्तेमाल की जा रही ड्यूक्स गेंद की गुणवत्ता पर पहले दिन से ही सवाल खड़े होते रहे हैं। 80 ओवर के बाद ली गई नई गेंद को महज 10.3 ओवर के बाद ही बदलना पड़ा, जिससे यह साफ हो गया कि गेंद की गुणवत्ता में कमी है। ऐसे में खिलाड़ियों और विशेषज्ञों द्वारा उठाई गई आपत्तियां और भी गंभीर हो जाती हैं।