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तेल अवीव। गाजा में 21 महीने से जारी भीषण युद्ध के बीच एक बार फिर शांति की संभावना पैदा हुई है। इजराइल और हमास के बीच संघर्षविराम को लेकर आज कतर की राजधानी दोहा में अहम बातचीत होने जा रही है। इस वार्ता में इजराइल अपना आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा, जबकि हमास ने भी बातचीत के लिए तैयार होने की पुष्टि की है।
यह बातचीत ऐसे समय पर हो रही है जब इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू कल अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करने वाले हैं। इस मुलाकात को भी मौजूदा घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
कतर की पहल पर रखे गए संघर्षविराम प्रस्ताव में 60 दिन तक दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम का सुझाव दिया गया है। इसके साथ ही, इस अवधि में शांति कायम रखने, कैदियों की रिहाई और इजराइली सेना की गाजा से वापसी जैसे मुद्दों पर विस्तृत बातचीत का प्रस्ताव भी शामिल है। इजराइल ने 2 जून को इस प्रस्ताव को अपनी स्वीकृति दे दी थी। अब हमास की ओर से भी सकारात्मक संकेत मिलने के बाद कतर में सीधी बातचीत की शुरुआत हो रही है।
हमास के नए शीर्ष नेता इज्ज अल-दीन अल-हद्दाद ने इस प्रस्ताव को लेकर नरम रुख दिखाया है और कहा है कि हमास गाजा से इजराइली सेना की वापसी, कैदियों की रिहाई और गाजा के पुनर्निर्माण के मुद्दों पर गंभीर बातचीत के लिए तैयार है।
दूसरी ओर, इजराइल की सरकार के भीतर इस संघर्षविराम को लेकर गहरी असहमति है। प्रधानमंत्री नेतन्याहू इस पर अंतिम निर्णय लेने में हिचकिचा रहे हैं क्योंकि उनकी गठबंधन सरकार के दक्षिणपंथी सहयोगी इसे स्वीकार करने पर सरकार गिराने की चेतावनी दे चुके हैं।
इस पूरी प्रक्रिया में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की भूमिका भी खास मानी जा रही है। उनके विशेष दूत स्टीव विटकॉफ संघर्षविराम समझौते की मध्यस्थता कर रहे हैं। ट्रम्प ने हाल ही में सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर एक पोस्ट करते हुए हमास को चेतावनी दी थी कि यदि उसने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया तो उसके लिए हालात और खराब हो सकते हैं। ट्रंप और नेतन्याहू की कल होने वाली मुलाकात से पहले यह वार्ता किसी ठोस नतीजे पर पहुंचे, इसकी संभावनाएं बनी हुई हैं।
संघर्षविराम प्रस्ताव के अनुसार, हमास 10 जीवित इजराइली बंधकों को रिहा करेगा, साथ ही 18 मृत बंधकों के शव भी इजराइल को लौटाए जाएंगे। यह पहल दोनों पक्षों के बीच विश्वास बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। गाजा में चल रही मानवीय त्रासदी को देखते हुए वैश्विक समुदाय भी इस संघर्षविराम का समर्थन कर रहा है।
गाजा में संयुक्त राष्ट्र की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, युद्ध के कारण पांच लाख से अधिक लोगों पर भुखमरी का खतरा मंडरा रहा है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गई थी कि यदि इजराइल मानवीय सहायता पहुंचाने में रुकावट डालता है, तो गाजा में हर पांच में से एक व्यक्ति भुखमरी की चपेट में आ सकता है और दो करोड़ से अधिक लोगों को अकाल जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है।
7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजराइल पर अचानक किए गए हमले से शुरू हुआ यह संघर्ष अब तक 21 महीने खिंच चुका है। हमले में 1,200 से अधिक इजराइली नागरिक मारे गए थे और 251 को बंधक बना लिया गया था। इसके बाद इजराइल ने गाजा में व्यापक सैन्य अभियान शुरू किया, जिसमें गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार अब तक 56,000 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिक मारे जा चुके हैं।
युद्ध के कारण गाजा के बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। स्कूल, अस्पताल, पानी और बिजली की आपूर्ति ठप हो चुकी है। लाखों लोग अपने घरों से विस्थापित हो चुके हैं। ऐसे में यह संघर्षविराम न केवल राजनीतिक दृष्टि से, बल्कि मानवीय आधार पर भी अत्यंत आवश्यक हो गया है।